धार्मिक एवं पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगर जोशीमठ (Joshimath) में लगातार जमीन धँसने और भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने बचाव अभियान शुरू किया है। प्रशासन भूस्खलन वाले क्षेत्रों पर लगातार नजर रख रहा है। सरकार के निर्देश पर बीते गुरुवार को गढ़वाल कमिश्नर सुशिल कुमार और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा के अलावा आपदा प्रबंधन व भूवैज्ञानिकों की टीम जोशीमठ पहुंची।
Joshimath land subsidence | We conducted a survey where new cracks have developed, some hotels have tilted, new water sources have emerged in some places: Ranjit Sinha, Secretary, Disaster Management pic.twitter.com/xPgH3QQhWM
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लगातार धंसते जा रहे जोशीमठ को बचाने के लिए प्रदेश सरकार दो एक्शन प्लान बनाएगी। पहली रणनीती के तहत जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास का प्लान बनाया जाएगा, जिसमें किस तरह तय समयावधि में लोगों का पुनर्वास किया जाएगा। दूसरी रणनीती के तहत जोशीमठ आपदा की जांच, इसकी वजहों और उसके निवारण जैसे रेट्रोफीटिंग आदि का एक्शन प्लान बनाया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के घरों में दरार आने और जमीन धँसने को लेकर शुक्रवार (6 जनवरी 2023) की शाम को उच्च अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री धामी शनिवार (7 जनवरी 2023) को हालातों का जायजा लेने जोशीमठ जाएँगे।
I will hold a high-level meeting with top officials in Dehradun this evening regarding landslides in Joshimath and cracks in houses. I will visit Joshimath tomorrow and take stock of the situation. A team from BJP has also been sent there: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/Ah9Si7CbHF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2023
वहीं जोशीमठ नगर में लगातार हो रहे भू-धंसाव से मकानों, दीवारों और सड़कों में दरारें बढ़ने लगी है। लोगों के घरों के नीचे से पानी निकलने लगा है। पीड़ितों ने पलायन शुरू कर दिया है। आपदा प्रभावित परिवारों के लिए शेल्टर होम की व्यवस्था कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। बता दें, कि जोशीमठ के अधिकतर भवनों में दरार आ चुकी है और कई इलाके रहने लायक नहीं बचे है।
Uttarakhand | District administration rescue operation underway after continuous landslides in Joshimath. Shelter homes arranged for people whose houses were affected due to landslides (05.01) pic.twitter.com/3TSP07pxRx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2023
उल्लेखनीय है, कि उत्तराखंड के धार्मिक, सांस्कृतिक व पर्यटन के साथ सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जोशीमठ शहर में हो रहे भू-धंसाव से मकानों होटलों, सरकारी प्रतिष्ठानों में आ रही दरारों ने स्थानीय निवासियों समेत पूरे राज्य की चिंता बढ़ा दी है। इस घटना को लेकर स्थानीय निवासी डर के साये में जी रहे है। उत्तराखंड भाजपा संगठन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए 14 सदस्यीय कमेटी गठित की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भी जमीन धँसने की घटनाओं की निगरानी कर रहा है। PMO द्वारा जोशीमठ की स्थितियों का लगातार अपडेट लिया जा रहा है। उल्लेखनीय है, कि आठवीं सदी में आदि शंकराचार्य के बद्रिकाश्रम आगमन से पूर्व भी जोशीमठ नगर अस्तित्व में था। समुद्री तल से 2500 मीटर से लेकर 3025 मीटर तक की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ नगर का पुराना नाम ज्योतिर्मठ है। इसे बद्रिकाश्रम क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।
आदि शंकराचार्य ने किशोरावस्था में जोशीमठ स्थित कल्पवृक्ष के नीचे घोर तपस्या कर ब्रह्म ज्ञान प्राप्त किया था। यहीं से उन्होंने देश के चारो कोनों में चार मठो की स्थापना की थी। तभी से इस स्थान को जोतिर्मठ कहा जाने लगा। कालांतर में जोतिर्मठ का अपभ्रंश होकर इसका नाम जोशीमठ नाम प्रचलित हो गया।