मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार (10 सितम्बर, 2022) को राजधानी देहरादून में भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत के 135वें जन्मदिन समारोह में भाग लिया। भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त जी के 135वाँ जन्मदिवस समारोह कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सीएम धामी ने कहा कि, “मैं सर्वप्रथम इस कार्यक्रम में उपस्थित आप सभी लोगों को कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु शुभकामना देता हूँ। हमारे लिए पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी सदैव पथ प्रदर्शक रहे है।
पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा, कि स्वतंत्रता के 75 साल पूर्ण होने के शुभ अवसर पर देश ने अमृत महोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया। इसका उद्देश्य पंत जी जैसे सभी महापुरुषों को स्मरण करने से था, जिन्होंने राष्ट्र की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। सीएम धामी ने कहा, कि मैं अपने नौजवान साथियों से कहना चाहता हूँ, कि, जीवन में समय सबसे बहुमूल्य है। आप सब संकल्प लें कि, हमें इसका सदुपयोग करना है।
LIVE: देहरादून में भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त जी के 135वाँ जन्मदिवस समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग https://t.co/rJXywZ6hlg
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 10, 2022
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने ट्विटर संदेश में लिखा, कि आज आई.आर.डी.टी सभागार, देहरादून में भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की 135वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री श्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और विधायक श्री खजान दास जी समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
आज आई.आर.डी.टी सभागार, देहरादून में भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की 135वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री श्री @DrRPNishank जी, विधायक श्री @KhajanDassBJP जी समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। pic.twitter.com/tdTrATcrmT
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जानकारी के लिए बता दें, स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राजनेता और अधिवक्ता गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितंबर, 1887 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के खूंट गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री रहे गोविंद बल्लभ पंत ने साल 1921 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा और विधायक चुने गए। वर्ष 1937 में कांग्रेस ने जब सरकार बनाने का निर्णय किया, तो नेहरू ने ही गोविंद बल्लभ पंत का नाम यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर सुझाया था।
उल्लेखनीय है, कि उस समय उत्तर प्रदेश यूनाइटेड प्रोविंसेज कहलाता था। नेहरू के सुझाव के बाद गोविन्द बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने, हालाँकि पंत सिर्फ दो वर्षो तक ही इस मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। इसके बाद 1946 में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद पंत फिर से उत्तर प्रदेश के सीएम बने और इस बार वह लगातार 8 साल यानी 27 दिसंबर 1954 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे।