प्राचीन भारत में योग को जीवन जीने की कला के रूप में मान्यता दी गयी थी। योग मानव जीवन में भौतिक, आध्यात्मिक, भावनात्मक एवं मानसिक जैसे विभिन्न पहलुओं में साकारत्मक रूप से प्रभाव डालता है। योग सृष्टि के रचियता द्वारा मनुष्य जाती को प्रदान किया गया अनुपम उपहार है। परन्तु कुछ धार्मिक कट्टरपंथी विचारधारा के लोग योग को हिन्दू धर्म संस्कृति से जुड़े होने के कारण इसका विरोध करते है।
ऐसा ही एक मामला अमेरिका में सामने आया है,जहाँ अलाबामा राज्य में पिछले 28 वर्ष से भारतीय योग में लगे प्रतिबन्ध को आगे भी जारी रखने का आदेश आया है। जानकारी के अनुसार भारतीय योग पर लगे प्रतिबन्ध को हटाने के लिए लाया गया विधेयक कट्टरपंथी ताकतों के दवाब के चलते पारित नहीं हो पाया।
अलाबामा प्रतिनिधि सभा के द्वारा 17 वोटो के 84 वोट के जरिये विधेयक को पास करवा लिया था, परन्तु जब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य की सीनेट के सामने लाया गया, तो कट्टरपंथी ईसाइयो के चलते इस विधेयक को पारित नहीं किया जा सका। इस विधेयक के पास ना होने पर अलाबामा हाउस प्रतिनिधि सभा के सदस्य जेरीमेन ग्रे ने कट्टरपंथीयो को जबाब देते हुए कहा, कि वो स्वयं दस वर्ष से योग कर रहे है, और विगत पांच साल से योग की शिक्षा भी दे रहे है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वे प्रत्येक रविवार को चर्च भी जाते है।
गौरतलब है कि कट्टरपंथी विचारधारा के चलते 1993 से ही अलाबामा के स्कूलों में योग शिक्षा पर बैन है। कट्टरपंथीयो का मानना है, कि सरकारी स्कूलों में सम्मोहन विद्या के लिए योग का प्रयोग किया जाता है। इसके बाद अलाबामा एजुकेशनल बोर्ड द्वारा योग के विरोध में वोट किया था और तभी से यहाँ योग पर प्रतिबन्ध है।
इस विरोध के पक्ष में कट्टरपंथी यह तर्क दे रहे है, कि जिस प्रकार अमेरिका के अन्य राज्यों में हिन्दू धर्म का प्रभाव बढ़ रहा है और अमेरिकियों समाज में सनातन धर्म के प्रति आस्था का भाव है, कहीं योग के प्रभाव में आकर अमेरिकी ईसाइयो अपना धर्म छोड़ कर हिन्दू धर्म ना अपना ले। दुनिया को सेक्युलर विचारधारा पर प्रवचन देने वाला अमेरिका स्वयं कितना सांप्रदायिक है,यह उनकी कथनी और करनी से प्रतीत होता है।
योग सदियों से भारतीय सनातन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। योग शारीरिक और मानसिक रूप से शरीर को तो स्वस्थ बनता है। इसके साथ ही यह आत्मा को परमात्मा से मिलाने का क्रिया योग है। वैज्ञानिको द्वारा भी योग से शरीर को स्वस्थ रखने में लाभकारी बताया है। 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रयासों के चलते सयुंक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था।