अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बीते शुक्रवार 9 दिसंबर 2022 को हुई चीनी घुसपैठ का भारतीय सेना के जवानों ने मुँहतोड़ जवाब दिया। दरअसल एक सोची समझी रणनीति के तहत अरुणाचल के तवांग सेक्टर में चीन के सैनिको ने एलएसी को पार करने का प्रयास किया, हालाँकि 17000 फीट की ऊँचाई पर भारतीय सैनिकों ने उन्हें वापस खदेड़ दिया।
उल्लेखनीय है, कि चीन की टेढ़ी नजरें वैसे तो समूची वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टिकी है, लेकिन तवांग सेक्टर में उसके नापाक इरादे अक्सर विवाद का विषय बनते है। चीन ने जून 2020 गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद एक फिर से बीते शुक्रवार 300 सैनिकों के साथ तनाव उत्पन्न करने का प्रयास किया है, लेकिन भारत के महज 50 सैनिकों ने पूरी दृढ़ता और शक्ति से चीनी फौजियों का मुकाबला किया।
इस आमने-सामने के संघर्ष में दोनों पक्षों के सैनिको को मामूली चोटें आई। बताया जा रहा है, कि लगभग आधे घंटे के भीतर ही भारतीय सेना की बैकअप टीम भी मौके पर पहुँच गई थी। इसके बाद चीनी फौजियों को वापस अपने क्षेत्र में लौटना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तवांग सेक्टर में तनाव उत्पन्न करना चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का सुनियोजित षड्यंत्र था। पीएलए के सैनिक कीलों वाले डंडे, मंकी फिस्ट और टेजर गन जैसे घातक हथियारों से लैस थे।
भारतीय सेना ने बीते सोमवार 12 दिसंबर को एक बयान जारी कर कहा था, “शुक्रवार (9 दिसंबर, 2022) को चीनी सेना के सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी को पार करने का प्रयास किया। जिसका भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता और मजबूती के साथ मुकाबला किया। आमने-सामने के इस संघर्ष में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं है। हालाँकि, अब दोनों पक्ष पीछे हट गए है। घटना के बाद कार्रवाई के रूप में, इलाके में भारतीय कमांडर ने शांति बहाल करने के लिए चीनी कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग की है।”
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (13 दिसंबर 2022) को इस मुद्दे पर संसद में जानकारी दी, कि चीन की आर्मी ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में सीमा पर अतिक्रमण कर के यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने का प्रयास किया। इस दौरान हुए संघर्ष में भारतीय सेना ने चीनी फौजियों को वापस अपने पोस्ट्स पर जाने को मजबूर कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया, कि इस संघर्ष में ना तो हमारे किसी सैनिक की मृत्यु हुई है, और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है।
Defence Minister’s statement in Parliament today on the India-China troop clash in Yangtse area of Tawang, Arunachal Pradesh on Dec 9. pic.twitter.com/AEJElEAT24
— Shiv Aroor (@ShivAroor) December 13, 2022
हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर संसद में कह चुके है, कि चीन के साथ अभी भारत के संबंध सामान्य नहीं कहे जा सकते है। उन्होंने कहा था, कि कूटनीतिक रूप से चीन को यह स्पष्ट कर दिया गया है, कि एएलसी को मनमाने तरीके से बदला नहीं जा सकता है। उल्लेखनीय है, कि गलवान घाटी 15 जून 2020 को एएलसी पर हुई खूनी झड़प के बाद ये दूसरा मौका है, जब भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीधी भिड़त हुई है। उस वक्त भी चीनी फौजियों के दुःसाहस का भारतीय सैनिकों ने करारा जवाब दिया था।