राजधानी देहरादून से ठगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया था। साइबर अपराधियों ने देश के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी के फर्जी वीडियो के जरिये एक शख्स को 35 लाख रुपए का चूना लगाया है। ठगों ने ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर लाखों रुपए का मुनाफा देने का लालच दिया था। पीड़ित ने ठगों के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर मुकेश अंबानी का वीडियो देखकर देहरादून के व्यक्ति के मन में जल्द अमीर बनने और अच्छा लाभ कमाने की ख्वाहिश उत्पन्न हुई। देहरादून निवासी पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया, कि वह एक कारोबारी है।
बीते दिनों पीड़ित ने फेसबुक पर मुकेश अंबानी का एक वीडियो देखा। वीडियो में बताया जा रहा था, कि 22 हजार रुपए निवेश करके अच्छा लाभ कमाएं। पीड़ित ने अपनी रुपयों की जरूरत को देखते हुए वीडियो क्लिक कर दिया। इसके बाद एक वेबसाइट खुली और उसमें फॉर्मेट का पेज खुला। पीड़ित ने फॉर्मेट भर दिया और इसके बाद उसे 28 जुलाई 2024 को व्हाट्सएप पर मयंक माहेश्वरी नाम के शख्स का फोन आया।
फोन करने वाले शख्स ने पीड़ित को बताया, कि वह फिनिक्स ट्रेडिंग ग्रुप का फाइनेंशियल एडवाइजर है। इसके बाद उसने निवेश खाता खोलने के लिए एक लाख रुपये की रकम मंगवाई। रकम भेजने के बाद ठग ने कहा, कि उनकी धनराशि को गोल्ड कमोडिटी में निवेश कर दिया गया है।
कुछ देर बाद पीड़ित को एक फर्जी रिजर्व बैंक का मेल आया। इसमें बताया गया, कि आपको एक करोड़ 57 लाख रुपए का मुनाफा हुआ है। इसके बदले साइबर ठगों ने पीड़ित से घोषणा शुल्क, कन्वर्जन शुल्क और अन्य फीसों के बदले 34 लाख रुपए मांगे। पीड़ित ने 34 लाख रुपए ट्रांसफर भी कर दिए। हालांकि इसके बाद भी साइबर ठग पीड़ित पर लगातार धनराशि जमा करने का दबाव बनाते रहे।
पीड़ित के अनुसार, उसे ट्रेडिंग ग्रुप के ईशान चोपड़ा और दीपक गुप्ता नाम के दो व्यक्तियों का फोन आया और उन्होंने तीन लाख रुपए की और डिमांड करते हुए कहा, कि इसके बाद आपकी पूरी रकम आपके खाते में आ जाएगी। हालांकि पीड़ित के खाते में धनराशि नहीं होने के कारण वह रुपए नहीं भेज पाया। जिसके बाद साइबर ठगों ने पीड़ित का फोन उठाना बंद कर दिया।
ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया। साइबर सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया, कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। इसके साथ ही पीड़ित ने जिन खातों में रुपये ट्रांसफर किये हैं, उन खातों की भी जांच की जा रही है।