कतर की जेल से रिहा होकर स्वदेश लौटे पूर्व नौसेना अधिकारी सौरभ वशिष्ठ मंगलवार (13 फरवरी 2024) को देहरादून टर्नर रोड स्थित अपने घर पहुँचे। गाड़ी से उतरते ही माता-पिता ने कैप्टन सौरभ को अपने सीने से लगा लिया। करीब 17 महीने बाद घर लौटने पर लोगों ने बड़ी धूमधाम फूल मालाओं के साथ उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान बेटे को देखकर उनके माता-पिता की आंखों से आंसू छलक उठे और परिवार के सभी सदस्य बेहद भावुक नजर आए।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, कतर द्वारा रिहा किए गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों में से एक सौरभ वशिष्ठ ने कहा, “इसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। पिछले 17 महीनों से हम बस यही उम्मीद कर रहे थे, कि हम कब घर वापस आएंगे। कैप्टन सौरभ ने मोदी सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, कि यह देश के समर्थन और पीएम मोदी की व्यक्तिगत भागीदारी के बिना संभव नहीं था… इसका पूरा श्रेय पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारतीय दूतावास को जाता है।
#WATCH | Dehradun, Uttarakhand: One of the eight Indian Navy veterans released by Qatar, Saurabh Vashisht, says, "It's difficult to describe this in words. For the last 17 months, we were just hoping that when we'll be back home… It's endless joy. My gratitude to all the people… https://t.co/42TpoRqVMs pic.twitter.com/w5lzuwNCGC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 14, 2024
बता दें, कि नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी कतर में देहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज नाम की कंपनी में कार्यरत्त थे। जिन्हे कतर की एक अदालत ने अक्टूबर 2023 में कथित जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। जिसे बाद में उम्र कैद की सजा में बदल दिया गया था। देशभर में इन पूर्व सैनिकों को स्वदेश लाने की मांग उठी। इसके बाद भारत सरकार ने इसे लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी और उनकी रिहाई के लिए लगातार प्रयास किए थे।
प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप कतर की सरकार ने इन्हें रिहा कर दिया। सोमवार सुबह आठ बजे पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी स्वदेश लौट आए। जिसके बाद वे यहां से अपने घरों के लिए रवाना हुए। इसी क्रम में मंगलवार की शाम कैप्टन सौरभ वशिष्ठ अपने घर देहरादून पहुंचे।