उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल आज सुबह बालिका निकेतन पहुंचीं। उन्होंने बीती रात सामने आए 16 वर्षीय किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एसएसपी और जिला प्रोबेशन अधिकारी से जानकारी ली। बता दें, कि देहरादून ISBT पर बस के अंदर एक किशोरी से गैंगरेप का मामला सामने आया है।
पुलिस मामले की जांच कर रही है। हालांकि, अभी मेडिकल रिपोर्ट आना बाकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किशोरी पंजाब की रहने वाली है और मुरादाबाद से देहरादून आई थी। घटना 13 अगस्त रात 2 बजे की बताई जा रही है। इस घटना के बाद से नाबालिग लड़की की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की सदस्य प्रीति के अनुसार, किशोरी ने काउंसलिंग में बताया है, कि वह पंजाब की निवासी है और उसके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद वह अपने बहन और जीजा के साथ रह रही थी। हालांकि उन्होंने भी उसे 11 अगस्त को घर से निकाल दिया। इसके बाद किशोरी पंजाब से दिल्ली फिर मुरादाबाद और फिर देहरादून पहुंची थी।
किशोरी के साथ बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया है। किशोरी ने बताया, कि वह लाल रंग की बस थी, इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि बस उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की हो सकती है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया है, कि उन्होंने स्वयं आईएसबीटी चौकी पहुंचकर घटना की जानकारी ली है। पुलिस आईएसबीटी स्थित सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं।
सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने के बाद जांच में जुटी पुलिस ने आइएसबीटी में उत्तराखंड परिवहन निगम के एक काउंटर पर बैठे कैशियर को हिरासत में लिया। मीडिया में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है, कि उक्त कर्मचारी परिचालक है, लेकिन वर्तमान में उससे कैशियर का कार्य लिया जा रहा है। घटना की रात संबंधित कर्मचारी आईएसबीटी पर मौजूद था। इसके अलावा पुलिस ने एक और संदिग्ध को हिरासत में लिया है।
गौरतलब है, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और परिवहन सचिव द्वारा पिछले दिनों आइएसबीटी का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान परिसर में अव्यवस्था होने व सुरक्षा के समुचित प्रबंध न होने पर अधिकारियों को फटकार लगाई गई थी। इसके बावजूद एमडीडीए और पुलिस ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाये।
आईएसबीटी परिसर के प्रवेश द्वार के साथ ही अंदर तक डग्गामार वाहनों का अवैध कब्जा है। वहीं विक्रम और ऑटो वाले यात्रियों के बस से उतरते ही उनके पीछे हाथ-धो पीछे पड़ जाते है, और कई बार यात्रियों को हाथ जोड़कर इनसे पीछा छुड़ाना पड़ता है। जुलाई 2023 में एमडीडीए ने आईएसबीटी का संचालन अपने स्वामित्व में लिया था।
एमडीडीए ने आईएसबीटी परिसर के सुंदरीकरण को लेकर जरूर कुछ धनराशि खर्च की है, किंतु यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई उल्लेखनीय कदम नहीं उठाये है। वहीं वर्तमान में एमडीडीए द्वारा आईएसबीटी परिसर में बसों का प्रवेश शुल्क भी दोगुना कर दिया गया है, हालांकि फिर भी वह यात्रियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रही है।