बीते गुरुवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भर्ती परीक्षाओं में धांधली के विरोध में सड़क पर जाम लगा कर विरोध कर रहे छात्रों को तीतर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था, जिसके बाद शुक्रवार को पुलिस और छात्रों के बीच बढ़ते हुए तनाव के मद्देनजर शहर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, बेरोजगार संघ के धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत की तबियत अचानक खराब हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,धरना प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत अचानक प्रदर्शन स्थल पर बेहोश हो गए। उनके बेहोश होते धरना स्थल पर हड़कंप मच गया। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने पूर्व सीएम हरीश रावत को तत्काल अस्पताल पहुंचाया।
देहरादून : हरीश रावत की अचानक बिगड़ी तबीयत, बेरोजगार संघ प्रदर्शन के दौरान घटी घटना
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— News24 (@news24tvchannel) February 10, 2023
पूर्व सीएम हरीश रावत की तबियत बिगड़ने की सूचना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे। सीएम धामी ने हरीश रावत की स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए उनका हालचाल पूछा। इस मामले में उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा, कि लाठीचार्ज की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी और सभी तथ्यों की बारीकी से जांच होगी। वहीं देहरादून में घंटाघर के आस-पास शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है।
इसी बीच अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के सदस्यों ने भेंट की। बेरोजगार संघ के सदस्यों ने अपर मुख्य सचिव रतूड़ी को अपनी आपत्तियों से अवगत कराया। अपर मुख्य सचिव ने कहा, कि बेराजगार संघ द्वारा रखे गये विषयों को मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा, कि युवा अपनी बात शांतिपूर्वक तरीके से रखें।
Some people from 'Berojgar Yuva Sangthan' came to meet me. I requested them to prepare for exams peacefully. Govt's objective is to organise exams in a fair and transparent manner. We are bringing country's strictest anti-copying law: Uttarakhand Additional Chief Secy (Home) pic.twitter.com/qMd96bm3Rd
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 10, 2023
गौरतलब है, कि राज्य में पुलिस, पटवारी, वन क्षेत्राधिकारी, आरओ, एआरओ, पीसीएस जे, प्रवक्ता एई, लोअर पीसीएस, अपर पीसीएस और जेई की परीक्षाएं दे चुके युवा अब तक अपनी भर्ती का इंतजार कर रहे है। आन्दोलनरत्त युवाओं की मांग है, कि आयोग के सभी आधिकारियों और कर्मचारियों की जज की निगरानी में सीबीआई जांच कराई जाए।