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(चित्र साभार: X/@DehradunPolice)
देहरादून के चंद्रबनी निवासी सेवानिवृत्त बुजुर्ग प्रिंसिपल का अपहरण कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने शव को ठिकाने लगाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो आरोपी फरार बताये जा रहे है। शव को तलाशने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है। पुलिस ने गिरफ्त में आये दोनों आरोपियों की तीन दिन की कस्टडी रिमांड ली है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया, कि बीती 7 फरवरी को पीठावाला, चंद्रबनी की रहने वाली निधि राठौर ने अपने पिता श्यामलाल गुरुजी (80 वर्ष) की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया, कि उनके पिता घर से बाइक पर किसी काम के लिए निकले थे और वापस नहीं लौटे। उनका मोबाइल फोन भी बंद आ रहा है।
बुजुर्ग व्यक्ति की गुमशुदगी/अपहरण की घटना का पुलिस ने किया खुलासा बुजुर्ग व्यक्ति के अपहरण/हत्या की साजिश में शामिल 02 अभियुक्तो को पुलिस ने सहरानपुर से किया गिरफ्तार,अभियुक्तो को मा0 न्यायालय में किया गया पेश, हत्या/अपहरण के मामले में पुलिस ने लिया रिमांड, pic.twitter.com/qCv0DMYYKX
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) February 19, 2025
इस दौरान उन्हें कई दिनों तक जान-पहचान वालों के यहां तलाश किया गया, लेकिन उनका कहीं कुछ पता नहीं चला। मामले के संज्ञान में आते ही पुलिस ने गुरुजी की खोजबीन शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को कॉल डिटेल से ज्ञात हुआ, कि गुरुजी जिस दिन घर से निकले थे उस दिन उन्होंने गीता नाम की एक महिला से कई बार फोन पर बात की थी। मामले में शक सुई एक महिला और उसके पति की तरफ घूम रही है।
आरोप है, कि महिला के कहने पर गुरुजी के शव को उसके भाई और जीजा ने देवबंद स्थित साखन नहर में फेंक दिया था। पुलिस ने शव को ठिकाने लगाने वाले दो आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि, महिला और उसके पति की तलाश की जा रही है। मृतक की मोबाइल की अंतिम लोकेशन भी गीता और उसके पति के मोबाइल की लोकेशन वाली जगह पर ही थी।
पुलिस ने जब सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की, तो पता चला कि गुरुजी उस दिन बाइक से किशननगर चौक होते हुए गीता के घर के पास पहुंचे थे। मगर, वापसी की कोई फुटेज पुलिस को नहीं मिली। पुलिस ने जब गीता के घर जाकर जांच की, तो गीता और उसका पति हिमांशु चौधरी मूल निवासी नई बस्ती, सुनहरा रोड, रुड़की, हरिद्वार मौके से गायब मिले।
पुलिस को सर्विलांस के जरिये पता चला, कि महिला की कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों से भी बात हुई थी। इन नंबरों के आधार पर पुलिस महिला के मायके देवबंद तक पहुंच गई। पुलिस ने महिला के भाई अजय कुमार से पूछताछ की, तो उसने बताया, कि गीता का गत दो फरवरी को उसे फोन आया था। गीता ने बताया था, कि उसने अपने पति के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी है और शव को ठिकाने लगाना है।
गीता की बात सुनकर अजय कुमार तैयार हो गया और उसने अपने जीजा धनराज चावला को बुला लिया। इसके बाद धनराज और अजय चार फरवरी को देहरादून पहुंचे और गुरुजी के शव को प्लास्टिक के कट्टे में रस्सियों से बांधकर कार की डिक्की में घरेलू सामान के साथ डालकर रख लिया। इसके बाद शव को साखन स्थित नहर में फेंक दिया।
एसएसपी ने बताया, कि पुलिस ने कैलाशपुर कॉलोनी देवबंद के रहने वाले धनराज और सनी कॉलोनी देवबंद के रहने वाले अजय को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं अभी मुख्य आरोपित गीता और हिमांशु चौधरी का पता नहीं चल सका है। इनकी तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं।
हिमांशु चौधरी शहर के एक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। आरोपियों ने गत चार फरवरी को गुरुजी की मोटरसाइकिल को आईएसबीटी के पास एक खाली प्लॉट में खड़ा कर दिया था। मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट भी तोड़कर झाड़ियों में फेंक दिया। ताकि, सबको लगे कि श्यामलाल मोटरसाइकिल यहां खड़ी कर बस से कहीं चले गए हैं।
पुलिस ने बाइक और नंबर प्लेट भी बरामद कर ली है। पुलिस इन आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जानकारी भी जुटा रही है। तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस के अनुसार, श्यामलाल गुरुजी लगभग 20 साल पहले राजकीय इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी कई बीघा जमीनें है।
उन्होंने पीठावाला में ही घर बना लिया था। यहां पर उनकी अविवाहित छोटी पुत्री उनके साथ रहती थी, जबकि, बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। श्यामलाल के लापता हो जाने के पांच दिन बाद उनकी पुत्री ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। देर से पुलिस के पास जाने की वजह यह भी बताई जा रही है, कि वह अक्सर घर से चले जाते थे। इसी के चलते परिजनों ने उनकी तलाश पहले परिचितों और जान-पहचान वालो के यहां की और फिर पांच दिन बाद पुलिस को सूचना दी।