ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहर में बिजली, पानी, सफाई के साथ ही चौड़ी सड़कें और पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ जरूरी होता है लेकिन देहरादून शहर की सड़कों से फुटपाथ गायब हो गया है। धीरे-धीरे फुटपाथ का अस्तित्व खत्म होने लगा है और राहगीर सड़क पर आ गए है। फुटपाथों पर मैकेनिक की दुकान, खाने के ठेले और फल-सब्जी ठेले वालों का कब्जा हो गया है। ऐसे में घर से पैदल निकलने वाले लोगों को खासी दिक्कत होती है।
वहीं दूसरी ओर देहरादून में फड़ और ठेली वाले शहर की गली-गली से वाकिफ होते हैं, ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाना अति आवश्यक है, कि किस तरह के लोग फड़ और ठेली का संचालन कर रहे है। पिछले कुछ समय से देहरादून जैसे बड़े शहर में फड़ ठेलियो का संचालन तेजी से बढ़ा है, जिसमें अधिकतर वो लोग शामिल है, जो अन्य राज्यों से आकर यहां काम कर रहे है।
इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फड़ और ठेली वालों का विवरण तैयार करने के निर्देश जारी किए थे। अब इसी क्रम में शहरी विकास निदेशक नितिन भदौरिया ने सभी नगर निगम के नगर आयुक्तों और अन्य नगर निकाय के अधिशासी अधिकारियों को पत्र भेजा है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी के निर्देशानुसार राज्य के समस्त नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारियों को फेरी एवं ठेली वालों का विवरण जुटाने व पहचान पत्र जारी कर उन्हें अनिवार्य रूप से ठेली/फड़ पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं।
आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण होने के उपरांत…
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) July 17, 2024
शहरी विकास निदेशक नितिन भदौरिया की ओर से भेजे गए पत्र में निर्देशित किया गया है, कि सभी नगर निकाय फड़ और ठेली संचालकों का न सिर्फ विवरण तैयार किया जाए, बल्कि उन्हें पहचान पत्र भी जारी करें, ताकि ऐसे व्यक्तियों की स्पष्ट पहचान का रिकॉर्ड रखा जा सके।
पत्र में कहा गया है, कि पहचान पत्र में फड़ और ठेली संचालकों का व्यवसाय कोड, नाम-पता और फोटो अंकित की जाए। पहचान पत्र के लिए विधि मान्य प्रमाण पत्रों की मांग की जाए। पत्र में यह कार्य अनिवार्य रूप से प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए गए है।
गौरतलब है, कि पिछले कुछ वर्षो से देहरादून के कई इलाकों में लगने वाली साप्ताहिक हाट से ठेले वालो की बाढ़ आ गयी हैं। दिन ढलते ही सड़कों के किनारे फलों और सब्जियों समेत अन्य सामानों की मंडीया ठेले पर सजनी लगती है। इनमें अधिकतर ऐसे हाट व बाजार हैं, जिन्हें किसी विभाग ने स्वीकृति नहीं दी है, बावजूद इसके शहर की हर सड़क और गलियों पर फल-सब्जी के ठेले लगते है। जिस वजह से शहरभर में भीषण जाम लगता है।
कई बार हाट के लिए निर्धारित स्थान पर ठेली वालो को जगह ना मिलने पर वो ठेले को सड़क के आस-पास खड़ा कर देते है और खरीदारों की संख्या बढ़ने से सड़क पूरी तरह जाम हो जाती है। इसके चलते स्थानीय निवासियों को भीड़ और जाम से निकलने के लिए बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ठेले पर सब्जी बेचने वालों ने शहर की अंदरूनी सड़कों के अलावा ऑउटर से गुजरने वाले हाईवे पर भी ठेले-खोमचे लगा लिए है। यह अव्यवस्थित बाजार ट्रैफिक में समस्या के साथ ही हादसे का कारण बन रहे हैं।