देहरादून के राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेल्स में 14 करोड़ की डकैती में शामिल 10वें बदमाश शशांक सिंह को पटना से गिरफ्तार कर लिया गया है। जेल में बैठकर देशभर के कई शोरूम में डकैती डालने वाले शशांक और सुबोध गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए दून पुलिस कई दिनों से दबिश दे रही थी। शंशाक अन्य मामले में पटना की जेल में बंद था। जमानत पर छूटने के बाद दून पुलिस ने उसे अपनी गिरफ्त में लिया।
पुलिस के अनुसार, आरोपित शशांक देहरादून के रिलायंस ज्वेल्स में हुई डकैती का मुख्य साजिशकर्ता है। कई आपराधिक घटनाओ को अंजाम दे चुका शशांक पटना की बेऊर में बंद था। दून पुलिस को सूचना मिली थी, कि शशांक के गैंग के सदस्य गुजरात में डकैती डालने की फिराक में घूम रहे है। दून पुलिस की एक टीम उसकी प्रत्येक गतिविधि पर नजर रख रही थी। बताया जा रहा है, कि दो दिन पहले वो जमानत पर जेल से बाहर आया था और भागने की फिराक में था।
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— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) January 7, 2024
उल्लेखनीय है, कि एसएसपी अजय सिंह को दो दिन पहले सूचना मिली थी, कि डकैती का मास्टमाइंड शशांक कभी भी जमानत पर बाहर आ सकता है। जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी संभव है। सूचना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए एसएसपी अजय सिंह स्वयं ही पटना पहुंच गए। बिहार में पुलिस की टीमें पहले से ही मौजूद थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर पुलिस व अन्य अधिकारियों से समन्वय स्थापित करने के लिए उच्चाधिकारी का वहां उपस्थित होना जरुरी था।
अभियुक्त शशांक ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया, कि उसने सुबोध सिंह के साथ मिलकर वर्ष 2016 में बैरकपुर पश्चिम बंगाल में मणिपुरम गोल्ड शॉप में करीब 28 किलो सोने की डकैती व वर्ष 2017 में आसनसोल पश्चिम बंगाल में मुथूट फाइनेंस ब्रांच में करीब 55 किलो सोने की डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। उक्त घटनाओं के बाद शशांक सुबोध गैंग से अलग होकर जेल से अपना गैंग संचालित करना शुरू कर दिया था।
बता दें, पिछले साल नौ नवंबर को देहरादून में हथियारबंद बदमाशों ने राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेल्स में डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। दिनदहाड़े हुई इस वारदात से पुलिस सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए थे, क्योंकि उसी दिन राज्य स्थापना दिवस समारोह में प्रतिभाग करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी देहरादून पहुंची थी। इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस घटना के संबंध में जवाब – तलब किया था।