मोबाइल और कंप्यूटर की सहायता से जालसाजी और धोखाधड़ी करने वाले साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि उन्हें अब राज्य पुलिस के सर्वोच्च अधिकारी के नाम पर ठगी करने से भी डर नहीं लगता है। साइबर ठगो का बेखौफी का आलम ये है, कि उन्होंने उत्तराखंड राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के नाम पर जाली फेसबुक अकाउंट बनाकर सहायता के नाम पर धन की मांग कर रहे थे। मामला संज्ञान में आते ही साइबर पुलिस ने फर्जी फेसबुक अकाउंट को बंद कर दिया है। पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक देहरादून मोती बाजार निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत में कहा है, कि बीते सोमवार तकरीबन नौ बजे उनके फेसबुक मैसेंजर पर आईपीएस अशोक कुमार फेसबुक अकाउंट से स्वयं को राज्य का डीजीपी बताते हुए सवर्प्रथम राजीखुशी पूछी और फिर एक जरुरी काम का हवाला देकर दस हजार रुपये की मांग की। इसके साथ ही पैसो की मांग कर रहे जालसाज ने अपना मोबाइल नम्बर देते हुए रकम को पेटीएम अथवा गूगल पे के जरिये भेजने को कहा।
इस प्रकार वरिष्ठ अधिकारी के नाम पर पैसो की मांग पर व्यक्ति को संदेह उत्पन्न होने पर, उक्त पैसो की मांग कर रहे व्यक्ति के फेसबुक आईडी के यूआरएल की जांच करने पर आइडी फर्जी प्रतीत हुई। इसके बाद व्यक्ति ने पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी कोतवाली पुलिस के साथ शेयर की। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाये जाने की घटना के बाद साइबर अपराध पर नजर रखने के लिए पुलिस की छह टीमों का गठन किया गया है। बताया जा रहा है, कि आरोपी के तार झारखंड,राजस्थान और बिहार के गिरोह से जुड़े होने की आशंका है।
जानकारी के लिए बात दे,साइबर अपराधों की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा देशव्यापी अभियान छेड़ते हुए 18 प्रदेशो में सक्रीय साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। जांच अधिकारियों ने साइबर अपराधियों पर शिकंजा कस्ते हुए लगभग 21 अपराधियों को गिरफ्त में लेते हुए उनसे लगभग 333 मोबाइल फ़ोन जब्त किये है। गौरतलब है,कि जिन मोबाइल फ़ोन को जब्त किया गया है, वो सभी चाइनीज कंपनी शाओमी के फ़ोन है। धोखधड़ी के लिए प्रयोग में लाये जाने वाले शाओमी के फोन के इस्तेमाल करने पर जांच अधिकारियो ने इस विषय पर भी नजर रखनी शुरू कर दी है।