देहरादून में डेंगू का ग्राफ दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। तमाम प्रयासों के बावजूद डेंगू का प्रसार थम नहीं रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। डेंगू के बढ़ते ग्राफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है। वहीं ब्लड बैंकों में भी खून व प्लेटलेट्स की कमी बरकरार है। मरीजों के तीमारदार प्लेटलेट्स के लिए इधर-उधर चक्कर काट रहे है।
दरअसल सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (SDP) मरीजों को आसानी से नहीं उपलब्ध नहीं हो पा रहे है, क्योंकि एफेरेसिस किट का संकट गहराता जा रहा है। ब्लड बैंक किट की डिमांड भेज रहे है, किन्तु कंपनी किट मुहैया नहीं करा पा रही है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के ब्लड बैंक को एक दिन पहले मात्र 10 किट मिली थी, जो खत्म हो गई है। ऐसे में मरीजों के लिए अब एसडीपी या जंबो पैक नहीं बन पा रहे है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार डेंगू के गंभीर मरीजों को सिंगल डोनर प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता होती है। इससे मरीज के ब्लड ग्रुप डोनर से मशीन के जरिए प्लेटलेट्स निकाले जाते है। एसडीपी तकनीक से 1 यूनिट खून में 30 से 35 हजार प्लेटलेट्स मिलती है। मरीज की प्लेटलेट्स काउंट अत्यधिक कम होने पर डॉक्टर जंबो पैक को ही वरीयता दे रहे है। दून के कई बड़े निजी अस्पतालों के ब्लड बैंक में एसडीपी मुहैया नहीं हो पा रही है। हालाँकि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स उपलब्ध होने के दावे कर रहा है।
वहीं डेंगू से जारी जंग के बीच नगर निगम का ये दावा, कि दून के अधिकांश घरों में डेंगू का लार्वा पनप रहा है, वाकई बेहद डराने वाला है। महापौर सुनील उनियाल गामा ने शहरवासियों से अपील की है, कि वे डेंगू की रोकथाम के लिए आगे आये। उन्होंने कहा, डेंगू की रोकथाम के लिए अब शहर की जनता को खुद जागरूक होना पड़ेगा।