
(चित्र साभार- अमर उजाला)
तेज रफ्तार गाड़ी चलाने के शौकीन वाहन चालकों के खिलाफ पुलिस अब सख्त कार्रवाई करने जा रही है। दरअसल, सड़क हादसों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर यातायात निदेशालय देहरादून में लगाए स्पीड वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम (SVDS) कैमरों पर ऐसा साफ्टवेयर इंस्टाल करने जा रहा है, जिससे तेज गति से निकल रहे वाहन के संबंध में मैसेज तत्काल नजदीकी पुलिस चौकी, थाने और कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगा और यहां से वाहन चालक के मोबाइल पर चालान भेजा जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले चालक को पकड़कर जुर्माना या फिर वाहन को सीज भी कर सकेगी। इस दिशा में यातायात निदेशालय ने पहल शुरू कर दी है। यातायात निदेशालय ने साफ्टवेयर एजेंसियों को बुलाकर तकनीकी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। बता दें, कि देहरादून में तेजी से बढ़ रहे सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए हाई कोर्ट ने हादसों में कमी लाने के निर्देश यातायात निदेशालय को जारी किए गए है।
बीते गुरुवार को पुलिस महानिरीक्षक और निदेशक यातायात अरुण मोहन जोशी ने कोर्ट को ओवरस्पीड पर लगाम लगाने के लिए निदेशालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया, कि यातायात पुलिस की ओर से बंगलुरू की तर्ज पर एआइ साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। इसके लिए बंगलुरू की कंपनी अस्त्रम से संपर्क किया गया है।
उन्होंने बताया, कि साफ्टवेयर में यातायात से संबंधित मौजूद हार्डवेयर और साल्यूशन के साथ AI तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इससे शहर में जहां यातायात का दबाव होगा वहां की जानकारी मिल जाएगी। दरअसल, स्टम में स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरे लगे हैं, जो हर वाहन की नंबर प्लेट की पहचान कर आइटीडीए को भेजती है। इसके अलावा सिस्टम में सेंसर लगे हैं जो वाहन की रफ्तार का पता लगाते हैं। अब इन कैमरों में ऐसा साफ्टवेयर स्टाल किया जा रहा है।
निदेशक यातायात अरुण मोहन जोशी ने बताया, कि स्पीड वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम कैमरे की खासियत यह है, कि यदि वाहन चालक ने रफ्तार पकड़ी, तो तत्काल चालान वाहन चालक के मोबाइल पर आ जाएगा। इन कैमरों की मानिटरिंग आइटीडीए से होगा, जहां पुलिस टीम लगातार कैमरों से निगरानी रखेगी।
साफ्टवेयर को लेकर लगातार कंपनियों से बातचीत चल रही है। अब तक छह कंपनियों के साथ बैठक हो चुकी है। कुछ कंपनियों को सोमवार को बुलाया भी गया है। इसके बाद साफ्टवेयर तैयार करवाया जाएगा।
गौरतलब है, कि देहरादून, विकासनगर और ऋषिकेश में 11 ऐसे स्थल हैं, जहां सर्वाधिक हादसे हो रहे हैं। जिले के 21 थाना क्षेत्रों में वर्ष 2023 में 481 हादसे हुए, जिसमें 201 लोगों की जान गई, जबकि 397 लोग घायल हुए। जबकि वर्ष 2024 में हादसों का आंकड़ा बढ़कर 511 तक पहुंच गया, जिसमें 209 लोगों की जान गई और 431 घायल हुए। निदेशालय की ओर से देहरादून में मोहकमपुर, डीआइटी और प्रेमनगर में तीन स्थानों पर चार स्पीड वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम सेंसरयुक्त कैमरे लगाए गए हैं।