देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए और राहगीरो की सुरक्षा के मद्देनजर शुक्रवार (16 फरवरी 2024) से घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास के क्षेत्र में जीपीएस के बिना यात्री वाहनों का संचालन नहीं हो सकेगा। इसी क्रम में परिवहन विभाग की टीम जब आज जीपीएस की जांच के लिए सड़क पर उतरी, तो विक्रम और ऑटो संचालकों के बीच हड़कंप मच गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कि परिवहन विभाग द्वारा जारी जीपीएस लगवाने के लिए दी गई समय-सीमा बीते गुरुवार को खत्म हो गई थी, जिसके बाद शुक्रवार से परिवहन विभाग की टीम इस नियम का सख्ती से पालन करवाने के लिए मैदान में उतरी है। बता दें, कि देहरादून के करीब 2300 सार्वजनिक यात्री वाहन इस नियम के दायरे में आएंगे।
संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के सचिव/आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया, कि जिन छह रूटों पर जीपीएस के नियम का पालन कराया जाएगा, उन पर 208 सिटी बसें, 478 मैजिक, 500 आटो, 600 ई रिक्शा, 500 विक्रमों का संचालन होता है। यह सभी जीपीएस के दायरे में आएंगे।
उल्लेखनीय है, कि परिवहन विभाग द्वारा 12 जनवरी को जारी आदेश के अनुसार, प्रतिबंधित स्थल, चौक-चौराहे एवं सड़को पर यात्री वाहन का संचालन होने पर वाहन का परमिट निरस्त करने की कार्रवाई को शामिल किया गया है। साथ ही नो-पार्किंग जोन में वाहन खड़ा होने पर भी यात्री वाहन का परमिट निरस्त किया जाएगा।
इसके अलावा घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास के दो किमी की परिधि में जीपीएस की शर्त के बाद सिटी बस, निजी बस, टैक्सी, ऑटो, विक्रम, मैक्सी आदि का संचालन केवल उसी दशा में होगा, जब वाहन पर जीपीएस लगा होगा। जीपीएस से परिवहन विभाग प्रत्येक यात्री वाहन पर नजर रख सकेगा। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा, कि वाहन का संचालन परमिट की शर्तों के अनुसार हो रहा है अथवा नहीं। इसके लिए एनआईसी के माध्यम से कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है।