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उत्तराखंड में सख्त भू-कानून के प्रस्ताव को मंजूरी, (फोटो साभार: (X/@pushkardhami)
देवभूमि उत्तराखंड में सख्त भू-कानून की मांग एक लंबे वक्त से की जा रही है। इसी क्रम में बुधवार (19 फरवरी 2025) को विधानसभा में हुई कैबिनेट बैठक में सख्त भू-कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। अब इसे बजट सत्र में विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। बता दें, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बजट सत्र में नया भू-कानून लाने की घोषणा की थी।
बुधवार को विधानसभा सत्र का बजट सत्र आरंभ होने से पहले हुई मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधित विधेयक के ड्राफ्ट को स्वीकृति मिल गई है। विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही से पहले हुई कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता सीएम धामी ने की। मुख्यमंत्री धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट (X) पर एक पोस्ट के माध्यम से ये महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
सीएम धामी ने अपनी पोस्ट में लिखा, “राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार !” प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
"राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार !"
प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा… pic.twitter.com/FvANZxWiEB
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 19, 2025
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हम कभी भी उनके विश्वास को टूटने नहीं देंगे। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि हम अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। निश्चित तौर पर यह कानून प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।”
भू-कानून के प्रस्ताव के चार प्रमुख बिंंदु क्रमशः
- नए प्रस्तावित कानून में जिस प्रयोजन के लिए भूमि ली जाएगी, उसका दुरूपयोग अन्य प्रकार से नहीं किया जा सकेगा।
- ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार को छोड़कर अन्य शेष जनपदों में कृषि एवं बागवानी के लिए भूमि की खरीद प्रदेश के बाहर के लोग नहीं खरीद सकेंगे।
- अन्य प्रयोजन के लिए भूमि खरीद से पहले सरकार की अनुमति अनिवार्य।
- बाहरी प्रदेश का व्यक्ति परिवार के लिए एक ही बार ही 250 वर्गमीटर भूमि खरीद सकता है। इस संबंध में रजिस्ट्रार को शपथ पत्र देना होगा।
गौरतलब है, कि देवभूमि उत्तराखंड के विभिन्न संगठन लंबे समय से प्रदेश में मूल निवास और सशक्त भू-कानून को लेकर आंदोलन कर रहे है। बीते मंगलवार को जब उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ तो विधानसभा के बाहर भू-कानून को लेकर हंगामा भी देखने को मिला था। घनसाली के पूर्व विधायक भीमलाल आर्या ने विधानसभा गेट पर इतना हंगामा किया, कि पुलिस को उन्हें हिरासत में लेना पड़ा।