बैंक से लिए लोन की किस्त अदा करने के लिए कहना एक कर्जदार को इतना नागवार गुजरा, कि उसने सात-आठ बदमाशों को भेज कर बैंक प्रबंधक को ही ब्रांच से उठवा लिया। बैंक लोन लेने वाले पर लगातार किश्त अदा करने का दबाव बना रहा था। पीड़ित की शिकायत पर राजपुर थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत अन्य अज्ञात आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बैंक लोन की किस्त जमा करने के लिए कहने पर एक खाताधारक ने केनरा बैंक की गुजराड़ा मानसिंह ब्रांच के प्रबंधक को दबंगों से अगवा करवा लिया। बैंक प्रबंधक को क्षेत्र के आईटीआई में ले जाया गया। जहां आरोपित ग्राहक ने हथियार के दम पर पैर पकड़ चार बार माफी मंगवाने और दोबारा फोन नहीं करने की धमकी देकर छोड़ दिया। मामले में राजपुर थाना पुलिस ने मुख्य आरोपित समेत नौ व्यक्तियों पर मुकदमा दर्ज किया है।
गुजराड़ा मान सिंह स्थित केनरा बैंक की ब्रांच के वरिष्ठ प्रबंधक सौरभ ढौंढियाल ने राजपुर थाने में दी शिकायत में बताया, कि 21 जुलाई को उन्होंने खाताधारक मदन को लोन की किस्त जमा करने के संबंध में फोन किया था। बातचीत के दौरान मदन ने शाखा प्रबंधक से गाली-गलौज करते हुए बैंक आकर उन्हें सबक सिखाने की चेतावनी दी।
अगले दिन 22 जुलाई को दोपहर लगभग डेढ़ बजे कुछ लोग बैंक में जबरन घुस आए और तोड़फोड़ करने लगे। बैंक में तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने जब दबंगो को रोकना चाहा, तो आरोपियों ने उसे धक्का देकर गिरा दिया। उस वक्त प्रबंधक अपने केबिन में थे। शोर सुनकर सौरभ केबिन से बाहर आ गए। आरोप है, कि उनमें से एक युवक ने कहा, कि उसने 11 कत्ल किये है। एक और हत्या करने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
इसके बाद युवक जबरदस्ती उन्हें अपनी कार में बैठाकर ले गए। इस दौरान सभी कर्मचारी और ग्राहक यह सब देख रहे थे। आरोपित बैंक प्रबंधक को गुजराड़ा मानसिंह के आईटीआई ले गए। जहां मदन नौटियाल पहले से मौजूद था। इस दौरान मदन और उसके साथियों ने गाली गलौज और हथियार का डर दिखाकर सौरभ से मदन के पैर पकड़कर माफी मंगवाई। इसके बाद आरोपियों ने उन्हें यह कहकर छोड़ दिया, कि दोबारा फोन किया तो ठीक नहीं होगा।
एसओ राजपुर जितेंद्र चौहान ने जानकारी दी, कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। बताया जा रहा है, कि आरोपी मदन नौटियाल ने केनरा बैंक से अप्रैल 2023 में 4.98 लाख रुपये का पर्सनल लोन लिया था। इस लोन की उसने अभी तक एक भी किश्त नहीं चुकाई थी। बैंक उस पर लगातार किश्त अदा करने के लिए दबाव बना रहा था।