देहरादून के चमन विहार में किशोरी के अपहरण के मामले में जब पुलिस ने खुलासा किया, तो हर कोई दंग रह गया। पुलिस के अनुसार, किशोरी ने ही अपने किडनेप की झूठी कहानी रची थी। दरअसल किशोरी के परिजनों ने उसका दाखिला नए स्कूल में करवाया था, लेकिन वह अपने पुराने स्कूल में ही पढ़ना चाहती थी। किशोरी ने बताया, कि नए स्कूल में पहले दिन उसका मन नहीं लगा, इसलिए उसने अपहरण की झूठी कहानी बनाई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार (15 अप्रैल 2024) की रात को पुलिस कंट्रोल रूम के माध्यम से पटेल नगर कोतवाली को चमन विहार में किशोरी के अपहरण की सूचना प्राप्त हुई। इस सूचना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए क्षेत्राधिकार सदर व प्रभारी निरीक्षक पटेल नगर कोतवाली पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
किशोरी ने अपने परिजनों और मौके पर पहुंची पुलिस को बताया, कि शाम करीब सात बजे वह ट्यूशन से घर वापस लौट रही थी। इस दौरान कार सवार दो व्यक्तियों ने उसे जबरन खींचकर कार में बैठा लिया। उसे रुमाल में कुछ सुंघाया गया, लेकिन उस वक्त उसने सांस रोक ली थी और इसके बाद उसने बेहोशी का नाटक किया।
किशोरी ने बताया, मुख्य मार्ग पर पहुंचने पर जब कार रुकी, तो इस दौरान कार में पीछे बैठा शख्स सिगरेट पीने के लिए उतरा, जबकि वाहन चालक मोबाइल में व्यस्त हो गया। इसी बीच वो मौका पाकर कार से भाग गई। सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने आरोपितों को पकड़ने के लिए सदर के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया। पुलिस टीम की जांच के दौरान अपहरण से जुड़ा कोई सबूत सामने नहीं आया।
वहीं किशोरी ने जो लोकेशन बताई थी, उन स्थानों के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए, लेकिन ना ही कोई ऐसी कार दिखाई दी और ना ही बदमाश। इसके बाद पुलिस ने किशोरी की काउंसलिंग करवाई, तो पता चला, कि परिजनों ने इस साल उसका दाखिला दूसरे स्कूल में करवाया है। सोमवार को वह पहली बार नए स्कूल में गई थी, लेकिन कोई दोस्त नहीं होने के कारण उसका मन स्कूल में नहीं लगा और अपने पुराने स्कूल में दोबारा दाखिले के लिए उसने स्वजनों को अपहरण की झूठी खबर दी थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया, कि कुछ व्यक्तियों ने बिना मामले की सत्यता जाने सामान्य प्रकरण को विवादास्पद बनाकर सांप्रदायिक रंग देते हुए लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का प्रयास किया है। इस प्रकार के तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।