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दिलबर नेगी हत्याकांड के एकमात्र आरोपी को बरी,(चित्र साभार: जागरण)
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगों में मारे गए उत्तराखंड निवासी दिलबर नेगी के केस में कोर्ट ने आरोपित मोहम्मद शहनवाज को बरी कर दिया है। इस मामले पुलिस ने 12 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें से 11 को पिछले साल अक्टूबर में आरोप मुक्त कर दिया गया। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रामचला ने कहा, कि अभियोजन पक्ष अपने आरोपों को साबित करने में असफल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली कोर्ट ने अपने फैसले में गवाहों द्वारा शाहनवाज की पहचान एक दंगाई भीड़ के सदस्य के रूप में किए जाने को अविश्वसनीय बताया। कोर्ट ने कहा, कि जो आरोपी पर आरोप लगाए गए थे, उसे अभियोजन पक्ष साबित नहीं कर पाया है। कई गवाहों ने या तो आरोपित को पहचानने से इनकार कर दिया या उनके बयान अस्पष्ट थे।
एडिशनल सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने सुनवाई के दौरान कहा, कि दिल्ली पुलिस यह सिद्ध करने में असफल रही, कि शाहनवाज दंगाइयों के साथ गोदाम में घुसा हुआ था। जिसमें बाद में आग लगा दी गई थी। बता दें, कि 24 जनवरी 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में तीन दिन चली साम्प्रदायिक हिंसा के तांडव के दौरान गोकुलपुरी स्थित चमन पार्क में अनिल स्वीट्स के गोदाम में आग लगा दी गई थी।
जांच में ज्ञात हुआ, कि उत्तराखंड से रोजी रोटी की तलाश में दिल्ली आये दिलबर नेगी को दंगाइयों की भीड़ ने कथित तौर पर उसके हाथ-पैर काटने के बाद आग में जला दिया था। मौके पर लोगो को दिलबर नेगी की आधी जली लाश मिली थी और उसके हाथ और पैर गायब थे।
उत्तराखंड के थलीसैंण विकासखंड के रोखड़ा गांव निवासी 20 वर्षीय दिलबर नेगी दिल्ली के चमन पार्क स्थित अनिल स्वीट हाउस में वेटर का काम करता था। वह सिर्फ 6 महीने पहले ही काम की तलाश में दिल्ली आया था। जाँच रिपोर्ट में सामने आया, जिस वक्त दिलबर की हत्या की गई, वह खाना खा रहा था। हमले के दौरान दिलबर नेगी के दो साथी दंगाइयों से बचकर भागने में कामयाब रहे।