नीट की नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट के परिणाम की घोषणा होने के बाद NTA की प्रणाली को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए है।
जब आकांक्षा ने भी 720/720 अंक लाये तो सिर्फ सोयब आफताब को ही NEET टॉपर क्यों घोषित किया गया?
— Pushpendra Kulshreshtha (@ThePushpendra_) October 17, 2020
दरअसल ओडिशा के एक छात्र को पहला स्थान दिया गया जबकि दिल्ली की एक छात्रा को इस परीक्षा में सामान अंक मिले जिसमें ओडिशा के शोएब आफताब ने आल इंडियन रैंक में प्रथम स्थान प्राप्त किया और आकांक्षा सिंह को दूसरा स्थान मिला।
दिल्ली की आकांक्षा सिंह एवं शोएब दोनों ने ही पूरे अंक 720 /720 प्राप्त किए। परन्तु शोएब को ऑल इंडिया रैंक में प्रथम तथा आकांक्षा की दूसरा स्थान प्राप्त किया इस निर्णय के बाद सोशल मीडिया में लोगों ने चर्चा शुरू हो चुकी है कि किन परिस्थिति में यह फैसला करना पड़ा है।
गौरतलब है कि NTA द्वारा इस प्रकर के रिज्लट के समय टाई ब्रेकिंग पॉलिसी के द्वारा निर्णय लिया जाता है। इसमें परीक्षा में किये गए प्रदर्शन और बेसिक एलिजिबिलिटी के आधार पर स्थान निश्चित किया जाता है।
NTA के एक अफसर द्वारा है कि इस पॉलिसी के अंतर्गत अगर दो अभ्यर्थी के परीक्षा के एक समान नंबर आ जाते हैं तो जीवविज्ञान एवं रसायन विज्ञान विषय में उनके अंक के आधार पर उनका स्थान तय किया जाता है।