जनपद पौड़ी स्थित कोट ब्लाक के फलस्वाड़ी गांव में गुरुवार को माता सीता के मंदिर में मंसार मेले का आयोजन किया गया। ऐतिहासिक मंसार मेला प्रत्येक वर्ष दीपावली पर्व के ग्यारह दिवस बाद द्वादशी तिथि को भव्य रूप से आयोजित किया जाता है।
ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर देवल से देव निशाण फलस्वाड़ी गांव के लिए जाते हैं। उधर कोटसाड़ा गांव से ग्रामीण बबले (घास) की रस्सी व दूण-कंडी (मिठाई की टोकरी) लेकर आते हैं। इसके बाद कोटसाड़ा व देवल के ग्रामीण फलस्वाड़ी गांव में पहुंच माता सीता की आराधना करते हैं।
मंसार मेले में इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते अन्य वर्षो की तुलना में श्रद्धालुओं की भीड़ कम रही। गुरुवार को सुबह से ही श्रद्धालु माता सीता के दर्शन हेतु मेले में आना शुरू हो गए थे। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार देवल स्थित लक्ष्मण मंदिर से श्रद्धालु ध्वज लाए। इसके बाद एक खेत में सीता माता के दर्शन होते हैं।
मेले के आयोजन तिथि से पूर्व रात्रि को देवल और फलस्वाड़ी गांव में पांडव नृत्य, कीर्तन-भजनों का आयोजन हुआ। इसके बाद रात भर माता सीता के मंदिर में पूजा अर्चना एवं सुंदरकांड का पाठ आदि किए गए। मंदिर में दर्शन करने गए एक श्रदालु विकास नावानी ने बताया कि कोरोना काल के साये में हो रहे इस मेले के आयोजन की तैयारी कई दिनों से जा रही थी।
उन्होंने बताया की मंदिर से निशाण की विधिवत पूजा अर्चना के पश्चयात फलस्वाड़ी स्थित माता सीता के मंदिर में लाया गया। निशाण का फलस्वाड़ी में श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद देवल गांव में भंडारे के साथ मेले का समापन हुआ।