दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कार्यरत एयर इंडिया की महिला कर्मचारी चंचल त्यागी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर अपने सीनियर अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पीड़िता का आरोप है, कि एयर इंडिया की एक मुस्लिम अधिकारी महजबीन उन्हें माथे पर तिलक लगाने से रोक रही है।
इस मामले में चंचल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी शिकायत दी, लेकिन वहाँ से कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर न्याय की माँग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सहारनपुर के जड़ौदा पांडा गाँव की निवासी चंचल त्यागी एयर इंडिया में बीते ढ़ाई साल से कार्यरत है। वर्तमान में पीड़िता इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल नंबर 3 पर सहायक के पद पर काम कर रही है।
पीड़िता के अनुसार, उन्होंने बचपन से ही सनातन परंपराओं का पालन किया है, जिसमें प्रतिदिन पूजा के बाद माथे पर तिलक लगाना शामिल है। उन्होंने बताया, शुरूआती दिनों में कंपनी में किसी को उनके तिलक लगाने से कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन जब से मुस्लिम अधिकारी महजबीन आईं, तो उन्होंने तिलक लगाने पर आपत्ति जताई और चंचल को तिलक हटाने का दबाव डालने लगी।
चंचल ने कहा, कि वह नवरात्रि के समय से महजबीन के निशाने पर है। उसकी सीनियर अधिकारी महजबीन ने स्पष्ट रूप से कहा है, कि एयर इंडिया में काम करने के लिए तिलक लगाने की मंजूरी नहीं दी जा सकती, और अगर चंचल तिलक लगाकर ऑफिस आती हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
चंचल ने दावा किया है, कि उन्हें बार-बार तिलक न लगाने के लिए मजबूर किया गया, और जब उन्होंने इस दबाव को नजरअंदाज किया, तो उनका अन्य तरीकों से उत्पीड़न शुरू हो गया। पीड़िता ने आरोप लगाया, कि उनके काम में हस्तक्षेप किया जाने लगा और उनके साथ बिना वजह के टोका-टोकी की जाने लगी। उन्होंने बताया, कि वॉशरूम जाने तक पर उन्हें टोक दिया जाता था, और उनके काम की सही तरीके से एंट्री भी नहीं की जाती थी।
पीड़िता ने आरोप लगाए, कि 8 घंटे की ड्यूटी करने के बावजूद आधे दिन की ही एंट्री की जाती थी। इसके साथ ही जब चंचल ने दिवाली के लिए अवकाश के लिए आवेदन किया, तो उसे भी निरस्त कर दिया गया। चंचल का आरोप है, कि उनके उत्पीड़न का प्रमुख कारण उनका माथे पर तिलक लगाना है।
पीड़िता चंचल त्यागी ने दावा किया है, कि महजबीन ने कंपनी में कार्यरत अन्य मुस्लिम स्टाफ को दिन में पांच दफा नमाज पढ़ने की अनुमति दी है, लेकिन जब चंचल अपनी सनातनी परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर आती हैं, तो उन्हें इसके लिए सजा दी जाती है। चंचल ने वीडियो पोस्ट के माध्यम से कहा, “यह कोई पाकिस्तान नहीं है, जो हम तिलक नहीं लगा सकते। हिंदू संस्कार हमारे खून में हैं, और मैं इसे नौकरी के लिए नहीं छोड़ सकती।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चंचल त्यागी ने अपने उत्पीड़न की शिकायत पहले एयरपोर्ट प्रशासन और फिर दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पास की, लेकिन जब वहाँ से उन्हें कोई न्याय नहीं मिला, तो उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी व्यथा बताई। उन्होंने एक वीडियो जारी कर पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश से न्याय की गुहार लगाई।
एयर इंडिया सेट्स में असिस्टेंट काम करती हु पीसीएम महजबीन अख्तर द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है मुझे पूजा करने के बाद टिका लगाने में भी रोका जाता है जबकि वही मुस्लिम कर्मचारियों को ड्यूटी में कई बार नमाज़ पड़ने की छूट दी गई है आखिर ऐसा भेदभाव क्यों @narendramodi @AmitShah
— Chanchal Tyagi (@Chancha94737623) October 19, 2024
उनका कहना है, कि उनके पास नौकरी छोड़ने के अलावा अब कोई विकल्प शेष नहीं बचा है, क्योंकि महजबीन लगातार उनका उत्पीड़न कर रही हैं। वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब इस मामले में एयर इंडिया की मुस्लिम अधिकारी महजबीन से बात की गई, तो उन्होंने सभी आरोपों को नकार दिया। उनका कहना था, कि कंपनी के नियम और ड्रेस कोड सभी कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होते हैं, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम।
महजबीन ने कहा, “कंपनी में ड्रेस कोड के तहत हिंदू कर्मचारी को तिलक लगाने और मुस्लिम कर्मचारी को टोपी पहनने की अनुमति नहीं है। एयरपोर्ट पर विभिन्न धर्मों के यात्री आते हैं, और इसलिए यह नियम बनाए गए हैं ताकि किसी भी धार्मिक प्रतीक को दिखाने से बचा जा सके।” महजबीन ने यह भी कहा, कि कंपनी में सभी धर्मों के लोग काम करते हैं और उन पर समान नियम लागू होते हैं, लेकिन चंचल त्यागी ने इन नियमों का उल्लंघन किया, जिसके बाद उन्हें हिदायत दी गई थी।
भेदभाव की शिकार पीड़िता चंचल त्यागी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोशल मीडिया पर कई लोग चंचल के समर्थन में आ गए हैं और इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं, एयर इंडिया ने इस विवाद पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन महजबीन की ओर से यह दावा किया जा रहा है, कि उन्होंने किसी भी प्रकार का धार्मिक भेदभाव नहीं किया है।