केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से जुड़े फर्जी वीडियो मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपी रीतम सिंह असम कांग्रेस के वॉररूम का कॉर्डिनेटर बताया जा रहा है। सोमवार (29 अप्रैल, 2024) को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा इस कार्रवाई की पुष्टि की गई है।
आरोपित रीतम सिंह ने अपने एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर एक फर्जी वीडियो शेयर किया था। इस फेक वीडियो में दिखाया गया, कि अमित शाह एसटी,एससी व ओबीसी का आरक्षण खत्म करने का दावा कर रहे हैं। हालाँकि, यह डीपफेक वीडियो है, जिसको भ्रामक रूप से इंटरनेट मीडिया पर शेयर किया जा रहा था।
Assam police have arrested an individual named Sri Reetom Singh in connection with the fake video involving Honorable Home Minister Sri @AmitShah
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) April 29, 2024
इस पर संज्ञान लेते हुए गुवाहाटी के पान बाजार थाने में दीपक कुमार दास ने शिकायत दर्ज करवाई थी। इस शिकायत पर पुलिस ने रीतम के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 171G, 505(1)(बी) के साथ आईटी एक्ट की धारा 66F के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।
मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिलते ही रीतम सिंह ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया। हालाँकि, तब तक पुलिस अपनी कार्रवाई शुरू कर चुकी थी। सोमवार (29 अप्रैल, 2024) को पुलिस ने रीतम को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को रीतम अपने गुवाहाटी के पास स्थित घर पर ही मिल गया। रीतम का फोन और लैपटॉप भी जब्त कर मामले की जाँच जा रही है।
#WATCH | Exclusive video of Reetam Singh in Assam Police Custody; shows no remorse even after being arrested for posting a doctored video of Home Minister @amitshah.
@narendramodi @himantabiswa pic.twitter.com/zHRJgBnWut
— Voice of Assam (@VoiceOfAxom) April 29, 2024
समाचार एजेंसी पीटीआई ने दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है, दिल्ली की स्पेशल सेल ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर आरक्षण के मुद्दों के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के एक फर्जी वीडियो के प्रसार के संबंध में एक एफआईआर दर्ज की है।
दिल्ली पुलिस ने एक्स और फेसबुक को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है, कि दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के किन उपयोगकर्त्ताओं ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो को शेयर किया है।