पड़ोसी मुल्क चीन में गंभीर चिंता का विषय बन चुके ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस के संक्रमण का पहला मामला भारत में सोमवार (6 जनवरी, 2024) को दर्ज किया गया है। इस वायरस से बेंगलुरु का एक 8 महीने का बच्चा ग्रसित हुआ है। वह भारत में इसका ‘जीरो पेशेंट’ है। जीरो पेशेंट किसी रोग के सबसे पहले पहचाने गए रोगी को कहा जाता हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है, कि बेंगलुरु में ही एक और बच्चे के इस वायरस से ग्रसित होने की बात सामने आई है। वह तीन महीने का है। विशेषज्ञों के अनुसार, अभी इस वायरस से विशेष चिंतित होने की जरूरत नहीं है। बता दें, कि भारत में यह पहला मामला हाल ही में चीन में HMPV के मामलों में उछाल के बाद सामने आया है। चीन से ही कोविड-19 की शुरुआत हुई थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, बेंगलुरु में वायरस से संक्रमित बच्चों में से 8 माह के बच्चे का इलाज चल रहा है। वहीं जो 3 महीने का बच्चा इससे ग्रसित पाया गया था, वह ठीक हो चुका है और उसको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इन मामलों की पुष्टि भारत में मेडिकल रिसर्च के लिए जिम्मेदार संस्था भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने की है।
वहीं इस वायरस से बढ़ती चिंताओं के बाद देश के जाने-माने सर्जन अमित ठधानी ने लोगों से ना घबराने की अपील की है। उन्होंने बताया है, कि भारत में इस वायरस का पहले से क्या इतिहास रहा और पहले हुए शोधों में इस पर क्या जानकारियाँ हासिल हुई हैं।
The “latest virus from China” HMPV has already been in India since decades and is a well known pathogen causing respiratory illness especially in children. This study done at AIIMS almost two decades ago showed its prevalence at about 3% to 33% of childhood respiratory illnesses. pic.twitter.com/H4nLOdcgXI
— Amit Thadhani (@amitsurg) January 4, 2025
उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “चीन से आया नया वायरस HMPV दशकों से भारत में मौजूद है और यह एक जाना-माना वायरस है, जो विशेष तौर पर बच्चों में सांस से जुड़ी बीमारी का कारण बनता है। इस पोस्ट के अनुसार, लगभग दो दशक पहले AIIMS में किए गए इस शोध से ज्ञात हुआ है, कि बचपन में सांस कि बीमारियों में इसकी उपस्थिति करीब 3 से 33 फीसदी है।”
सर्जन अमित ठधानी से एक शख्स ने सवाल पूछा, कि भले ही इस वायरस के बारे में पहले से पता चल चुका है, लेकिन इसका स्ट्रेन (प्रकृति) नई हो सकती है क्या। इस पर डॉ. अमित ठधानी ने स्पष्ट किया कि भले ही स्ट्रेन नया हो या पहले से अलग हो, यह क्रॉस-इम्युनिटी के चलते ज्यादा असर नहीं कर पाएगा।
Doctor, is the current Chinese outbreak the same virus or some mutation? Like even Covid was known virus but Covid-19 was gift from Wuhan, a different variant!
— Avinash Singh (@Singh_Avinash) January 4, 2025
सर्जन ठाधानी ने जानकारी देते हुए बताया, कि सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) वायरस, जिससे कोविड की शुरुआत हुई थी, वह केवल जानवरों और पक्षियों में पाया जाता है। जबकि HMPV आम तौर पर इंसानों में पाया जाता है। चीन ने इन मामलों के चिंताजनक होने से इंकार किया है। चीन HMPV मामलों में बढ़त को हर साल मौसम बदलने पर होने वाली बीमारी के तौर पर दर्शाता है।