केदारनाथ भीषण त्रासदी को याद कर आज भी लोग सिहर जाते है केदारनाथ आपदा में लापता यात्रियों के नर कंकाल की खोजबीन के लिए निकले दल को 4 नर कंकाल मिले हैं।
जानकारी के अनुसार इन सभी प्राप्त नर कंकालों को सोनप्रयाग में पंचनामा भरे जाने और डीएनए सैंपलिंग लेने के बाद सोन नदी संगम तट पर विधिवत रूप से अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके साथ ही इस खोजबीन अभियान का समापन भी हो गया।
जानकारी के लिए बता दे केदारनाथ आपदा में लापता नागरिको के नर कंकालों की खोजबीन के लिए 16 सितंबर को पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर के नेतृत्व में सोनप्रयाग से 10 टीमों के साथ चार दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया गया था। परन्तु इस दौरान कोई नर कंकाल नहीं मिला। इसके बाद सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ रूट पर गई टीम का अभियान एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया था।
बीते शनिवार खोजबीन अभियान के दौरान केदारनाथ से गरुड़ चट्टी होते हुए गोमुखड़ा, तोषी, त्रिजुगीनारायण से सोनप्रयाग की ओर गई टीम को गोमुखड़ा से नीचे गौरी माई खर्क के करीब 4 नर कंकाल बरामद हुए हैं।
पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि नर कंकाल बरामद किये जाने की सूचना मुख्यालय को दे दी गई है। डीएनए सैंपल के परीक्षण की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया जायेगा। टीम में एसडीआरएफ के एसआई कर्ण सिंह रावत के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल भगत सिंह , कांस्टेबल मनोज जोशी , कांस्टेबल पंकज राणा , फायरमैन योगेश रावत शामिल रहे।
गौरतलब है कि सोलह जून 2103 की भीषण आपदा में 4,400 से अधिक लोग मारे गए या लापता हो गए। 4,200 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया। इनमें 991 स्थानीय लोग अलग-अलग जगह पर मारे गए। 11,091 से ज्यादा मवेशी बाढ़ में बह गए या मलबे में दबकर मर गए।