पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के दिगज नेता रहे बुद्धदेव भट्टाचार्य की बेटी सुचेतना भट्टाचार्य ने लिंग परिवर्तन कर पुरुष बनने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा है, कि इससे पहले वो संबंधित प्रमाण पत्रों के लिए कानूनी सलाह और मानसिक मजबूती के लिए मनोचिकित्सकों से संपर्क कर रही हैं।
सुचेतना का कहना है, कि मेरे माता-पिता की पहचान या परिवार की पहचान कोई महत्व नहीं रखता है। वह अब 41 साल की है और लिंग परिवर्तन वो एलजीबीटीक्यू प्लस को मजबूती देने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा, जिंदगी के शुरुआती दिनों से ही उन्होंने स्वयं को एक पुरुष के रूप में देखा है। सुचेतना ने कहा, कि वह राजनीतिक परिवार से आती है। उन्होंने विनती करते हुए कहा, कि इस खबर में उनके माँ-बाप के नाम को ना घसीटा जाए, क्योंकि यह उनका निजी फैसला है।
सुचेतना ने कहा, वह चाहती है, कि लोग उन्हें सुचेतन नाम से जाने। बता दे, सुचेतना एलजीबीटीक्यू प्लस की समस्याओं और अधिकारों की लड़ाई लड़ती रही है। वह वर्तमान राजनीति में ज्यादा सक्रिय भी नहीं है। उनकी पहचान एक पर्यावरण एवं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में की जाती है।
दरअसल, सुचेतना मंगलवार (20 जून 2023) को पीपुल्स रिलिफ कमेटी द्वारा एलजीबीटीक्यू प्लस लोगों के स्वास्थ्य पर आयोजित एक कार्यशाला में मौजूद थी। यहाँ उनकी मुलाकात सुप्रभा रॉय से हुई। सुप्रभा एक वामपंथी कार्यकर्ता है। सुचेतना ने सुप्रभा को बताया, कि वह सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (SRS) कराएँगी।
सुप्रभा ने इसको लेकर फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखा और जानकारी दी, कि सुचेतना जेंडर चेंज करवाने जा रही है। सुप्रभा ने अपने पोस्ट में लिखा, “बातचीत के दौरान सुचेतना ने मुझे अपना जेंडर चेंज कराने की जानकारी दी। सुचेतना ने कहा कि वह लंबे समय से मानसिक रूप से ट्रांसमैन हैं। इस बार फर्क सिर्फ यह होगा, कि वह शारीरिक रूप से भी पुरुष हो जाएँगी।”
सुचेतना के ट्रांसमैन वाले फैसले का कई लोग समर्थन कर रहे है। अभिनेत्री और एक्टिविस्ट उषाशी चक्रवर्ती ने कहा, कि सुचेतना भट्टाचार्य जैसी किसी इंसान के लिए, जिनके पिता किसी राज्य के पूर्व सीएम रहे हों, इतनी बहादुरी के साथ सामने आना और इस प्रकार के फैसले की घोषणा करना सरल नहीं है।