
फाइल फोटो कपिल देव (फोटो साभार: सोशल मीडिया)
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी कपिल देव ने अपने एक इंटरव्यू में कहा, कि वर्तमान में खिलाड़ी कहते है, कि वे आईपीएल खेलने की वजह से वह बहुत प्रेशर में है। कपिल देव ने कहा, कि यदि खिलाड़ी दबाव अनुभव करते है, तो उन्हें आईपीएल नहीं खेलना चाहिए। उन्होंने कहा, कि पैशन वाले खिलाड़ी को प्रेशर नहीं होता।
63 वर्षीय भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कहा, कि आजकल मैं टेलीविजन पर अक्सर सुनता हूँ, कि आईपीएल खेलते है… बहुत प्रेशर है। कपिल देव ने कहा, कि इस मसले पर मैं एक ही चीज कहना चाहता हूँ, कि IPL मत खेलो। प्रेशर क्या होता है? खिलाड़ी को अगर पैशन है, तो प्रेशर नहीं होना चाहिए। हम एंजॉय करने के लिए क्रिकेट खेलते है और एंजॉयमेंट में प्रेशर हो ही नहीं सकता है।”
साल 1983 में विश्वकप विजेता टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव ने आगे कहा, “ये अमेरिकन वर्ड आ जाते हैं ना… कि मेरे को प्रेशर है… डिप्रेशन है… ये मेरे समझ में नहीं आता। मैं तो एक किसान हूँ, और हम तो एंजॉय करने के लिए खेलते हैं और एंजॉयमेंट में प्रेशर हो ही नहीं सकता। हम तो कहते थे कि भगवान आज बारिश मत करना, हमें खेलना है। तो ये प्लेजर है, प्रेशर नहीं है।”
कपिल देव ने अध्यनरत छात्रों का उदाहरण देते हुए कहा, मैं एक स्कूल में गया, तो 10वीं-11वीं के बच्चों ने कहा, कि बहुत प्रेशर है। इस पर मैंने कहा, कि अच्छा, आपको भी प्रेशर है? AC स्कूल में पढ़ते हो, माँ-बाप फीस देते है, टीचर आपको हाथ नहीं लगा सकता और आपको प्रेशर है। हमारे टाइम में पूछो प्रेशर क्या है। टीचर पहले थप्पड़ मारता था, फिर पूछता था, कि कहाँ हो। मैं उन्हें बोलता हूँ, कि इसको प्लेजर में चेंज कर लो, फन में चेंज कर लो। प्रेशर नहीं होना चाहिए।”
Two minutes of gold from Kapil Dev. pic.twitter.com/3gDMVvexua
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) October 9, 2022
उल्लेखनीय है, कि पूर्व दिग्गज क्रिकेटर कपिल देव का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने कहा, कि इस मुश्किल वक्त के बीच क्रिकेट के ऑल फॉरमेट में खेलना उनके लिए बेहद मुश्किल होता जा रहा है।
पिछले महीने शार्लोट डीन के रन आउट होने के बाद भारत मैच जीत गया था, लेकिन इस रन आउट पर विवाद खड़ा हो गया था। तब कपिल देव ने अपने एक बयान में कहा था, “ऐसी स्थिति में मुझे लगता है, कि हर बार तीखी बहस के बजाय एक साधारण नियम होना चाहिए। बल्लेबाजों को उनके रन से वंचित करना। इसे शॉर्ट रन माना जाना चाहिए।”