नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर चित्रा रामकृष्ण की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। बीते रविवार को को-लोकेशन स्कैम केस (Co- Location Scam) मामले में गिरफ्तार चित्रा रामकृष्ण को सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया था। जिसके बाद उन्हें की सात दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है। बता दें, इससे पहले शनिवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया गया था।
Special Court sends Chitra Ramkrishna, former MD and CEO of National Stock Exchange (NSE) to a 7-day day CBI remand. She was arrested yesterday in connection with the NSE co-location case
— ANI (@ANI) March 7, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद सीबीआई के अधिकारियों ने चित्रा रामकृष्ण से लगातार तीन दिनों तक फरवरी माह में तीन दिनों तक पूछताछ की थी। वहीं दिल्ली की एक अदालत ने 25 फरवरी को इस मामले में गिरफ्तार एनएसई के समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम की सीबीआई हिरासत 9 मार्च तक बढ़ा दी है। बता दें, सीबीआई मार्च 2018 से इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन उन्हें कथित हिमालय के योगी की पहचान करने के लिए कोई मजबूत सबूत नहीं जुटा पा रही थी, जिसके साथ रामकृष्ण महत्वपूर्ण जानकारी को साझा कर रही थी।
चित्रा रामकृष्ण पर लगे है, बेहद गंभीर आरोप
जानकारी के लिए बता दें, कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के परिष्कृत एल्गोरिथम आधारित सुपरफास्ट ट्रेडिंग में एक तकनीकी खराबी आने से शेयर बाजार की पुरुष प्रधान दुनिया में चित्रा रामकृष्ण को एनएसई के शीर्ष पद पर आने का अवसर प्राप्त हुआ था। चित्रा रामकृष्ण साल 2013 अप्रैल से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ के पद पर कार्य कर रही थी। उल्लेखनीय है, कि चित्रा पर हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है।
आनंद सुब्रमण्यम निकला हिमालयन योगी
जाँच एजेंसियों के अनुसार, इस घपले में एनएसई के अधिकारियों की मदद से कुछ ब्रोकर पहले ही जानकारी मिलने का फायदा उठा रहे थे। एनएससी में खरीद-बिक्री की तेजी के मद्देनजर घोटाले की रकम पांच साल में 50,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस मामले में बीते दिनों सीबीआई ने एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम को उनके चेन्नई स्थित आवास से गिरफ्तार करते हुए दावा किया था ,कि आनंद सुब्रमण्यम हिमालयन योगी बनकर एनएसई के कामकाज में सेंध लगाते थे। इसके साथ ही वह एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण आनंद सुब्रमण्यम के इशारे पर काम किया करती थी।