पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी हत्याकांड मामले में शीर्ष अदालत ने शुक्रवार (11 नवंबर 2022) को सभी दोषियों को बरी करने का फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपित की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, कि यदि दोषियों पर किसी अन्य मामले में आरोप ना हों, तो सभी दोषियों को रिहा किया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस बीआर गवई और बीवी नागरत्न की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए हत्याकांड के दोषी नलिनी, संथन, मुरुगन, श्रीहरण, रॉबर्ट पयास और रविचंद्रन को जेल से बरी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि लंबे वक्त से राज्यपाल ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए वह इस पर फैसले ले रहे है। कोर्ट ने आर्टिकल 142 का हवाला देते हुए कहा, कि प्रकरण के एक दोषी की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होगा।
BREAKING| #SupremeCourt orders the premature release of Rajiv Gandhi assassination convicts Nalini Srihar and R.P. Ravichandran.
Court says the order passed in the case of Perarivalan is applicable to them.#SuprmeCourtOfIndia pic.twitter.com/KrVojjWHli
— Live Law (@LiveLawIndia) November 11, 2022
जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के एक घंटे बाद ही उम्रकैद की सजा काट रहे सभी दोषियों को रिहाई मिल गई। इससे पूर्व दोषी पेरारिवलन को पहले ही इस मामले में बरी किया जा चुका है। उसकी रिहाई जेल में उसके अच्छे व्यवहार के मद्देनजर की गई थी। इसके बाद बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर रिहाई माँगी थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपना निर्णय सुनाया।
उल्लेखनीय है, कि 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान तमिलनाडु में एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। उन्हें एक महिला ने माला पहनाने के बाद उनके पैर छूने के बहाने आगे बढ़ी और उसने झुककर कमर पर बंधे विस्फोटक को ब्लास्ट कर दिया। धमाके में राजीव गाँधी समेत कई लोगों की मौत हुई थी।
इस मामले में कुल 41 लोगों को आरोपी बनाया गया था। 1999 में कोर्ट ने इस मामले में 26 दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। इनमें से 19 को पहले ही जेल से रिहा कर दिया गया था, जबकि अन्य सात दोषी जेल में सजा काटते रहे और इनकी सजा उम्रकैद में बदल दी गई। इनमें से नलिनी गर्भवती थी, जिन्हें सोनिया गाँधी ने ये कहकर क्षमा किया, कि उनकी गलती की सजा उनके बच्चे को नहीं दी जा सकती, जो अभी जन्मा ही नहीं है।