जर्मनी में आयोजित जी-7 राष्ट्रों के शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के साथ ही विकासशील देशों में ढांचागत परियोजनाओं के विकास, आतंकवाद और खाद्यान सुरक्षा सहित अन्य कई अहम वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान जी-7 समूह के नेताओं ने विकासशील देशों में विकास परियोजनाओं के लिए वर्ष 2027 तक 600 अरब डॉलर का कोष जुटाए जाने का लक्ष्य रखा है।
G7 Unveils $600 Billion Global Infrastructure Plan To Counter China's 'Belt And Road' https://t.co/U82OamHpRd
— zerohedge (@zerohedge) June 27, 2022
G-7 शिखर सम्मलेन के दौरन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत के संबंध में कहा, कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) उद्यम पूंजी कोष ओम्निवोर एग्रीटेक एंड क्लाइमेट सस्टेनेबिलिटी फंड-3 में तीन करोड़ डॉलर का निवेश करेगा। जिसका उपयोग भारत में जलवायु, कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और खाद्य प्रणाली से संबंधित उद्यमों में निवेश के लिए किया जाएगा।
Today, the nations of the G7 launched the Partnership for Global Infrastructure and Investment.
Collectively, we aim to mobilize nearly $600 billion from the G7 by 2027 to invest in critical infrastructure that improves lives and delivers real gains for all of our people.
— President Biden (@POTUS) June 26, 2022
उल्लेखनीय है, कि सात विकसित राष्ट्रों के संगठन G-7 के नेताओं की इस पहल को चीन की तरफ से चलाई जा रही ‘बेल्ट एवं रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के जवाब के रूप पर देखा जा रहा है। पिछले कुछ वर्षो से बीआरआई योजना के तहत चीन ने विश्व के कई विकासशील देशों को ढांचागत परियोजनाओं जैसे बंदरगाह, सड़क एवं पुल बनाने के लिए भारी – भरकम उधार दिया हुआ है।
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