इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश में गोहत्या रोकथाम अधिनियम के अंतर्गत अपराध के आरोपी जावेद को जमानत देने से मना कर दिया। अपने फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा, कि गाय भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा गौ माता के संदर्भ में बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है, कि यदि किसी राष्ट्र की संस्कृति और उसकी आस्था पर प्रहार किया जाता है, तो वो राष्ट्र कि शक्ति कमजोर हो जाती है। जस्टिस शेखर यादव की पीठ द्वारा गौवंश की हत्या के फैसला में कहा, कि आरोपी जावेद ने ना सिर्फ गाय को चुराया है, बल्कि क्रूरतापूर्वक गला काटकर गाय की हत्या भी कर दी और गोमांस का भी उपयोग भी किया।
“Cows should be given fundamental rights and it should be declared as National animal" – Allahabad High Court#AllahabadHighCourt pic.twitter.com/nW2rERuUZE
— Bar & Bench (@barandbench) September 1, 2021
उच्च न्यायलय द्वारा कहा गया, कि गाय का मांस खाने वालों को ही सिर्फ मूलभूत अधिकार नहीं मिले हुए हैं, बल्कि गाय को माता मानकर उसकी पूजा करने वालों एवं जिन लोगो की आजीविका गाय पर ही निर्भर है, उन्हें भी एक सार्थक एवं अर्थपूर्ण जीवन जीने का पूरा अधिकार है।
उच्च न्यायलय द्वारा कहा गया, कि जीवन जीने का अधिकार सबसे ऊपर है, और जीव की हत्या का अधिकार और बीफ का मांस खाने के अधिकार को इससे ऊपर नहीं रखा जा सकता।
हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव द्वारा कहा गया, कि गाय को मौलिक अधिकार प्रदान करने के लिए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए वर्तमान सरकार को संसद में प्रस्ताव लाना चाहिए और गाय को हानि पहुंचाने की बात करने वालों को सजा देने के लिए कड़ा कानून बनाना चाहिए।