प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नारी सम्मान और सुरक्षा हेतु दिये गए नारे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का शायद इससे बड़ा प्रत्यक्ष उदाहरण मिलना दुर्लभ है। राजस्थान के नागौर जिले के निम्बड़ी चांदावता गांव से एक ऐसी ही दिल खुश करने वाली खबर आयी है। घर में पोती होने की ख़ुशी में दादा ने पूरे सात लाख रुपये खर्च कर हेलिकॉप्टर से अपनी नन्ही पोती को उसके ननिहाल से घर लाये।
जानकारी के अनुसार गांव के एक घर में तक़रीबन 35 वर्षो बाद जब घर में कन्या का जन्म हुआ तो घर में पोती होने की खबर मिलते ही दादा मदनलाल प्रजापत और उनकी पत्नी मुन्नीदेवी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अपनी नन्हीं पोती के भव्य स्वागत के लिए दादा ने अपनी वर्ष भर की जमा पूंजी एवं पूरी फसल बेचकर लगभग सात लाख रुपये किराया भरकर हेलिकॉप्टर से अपनी पोती को उसके ननिहाल से घर लाये। नवजात कन्या के स्वागत के लिए दादा ने गांव की गलियों में फूल ही फूल बिछा दिये।
बेहद साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले मदनलाल प्रजापत तक़रीबन 80 बीघा जमीन पर खेती कर जीवनयापन करते है। परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं है इसलिए जब मदनलाल ने जब अपनी पोती को हेलीकॉप्टर द्वारा हवाई मार्ग से लाने का निर्णय किया तो उन्हें पता चला, कि इस कार्य में लगभग सात लाख रुपए खर्च आएगा।
परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के बाबजूद भी लाखों रुपये के खर्चे को सुनकर भी दादा मदनलाल प्रजापत का मन तनिक भी विचलित नहीं हुआ और उन्होंने तत्काल अपनी मैथी, सरसों और जीरे की फसल को बेचने का निर्णय किया। फसल को बेचे जाने के बाद उन्हें चार लाख रुपए हासिल हुए। इसके अलावा उन्होंने बाकी की रकम का इंतजाम अपनी बचत जमा पूंजी से किया।