ज्ञानवापी केस में वाराणसी कोर्ट ने गुरुवार (17 नवंबर 2022) को एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने, शिवलिंग की पूजा का अधिकार देने और ज्ञानवापी में मुस्लिमों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की मांग करने वाली याचिका को कोर्ट ने सुनवाई योग्य माना है। कोर्ट के इस फैसले को ज्ञानवापी मामले में हिन्दुओं की जीत से जोड़कर देखा जा रहा है।
बता दें, मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दर्ज करते हुए अपनी याचिका में कहा था, कि ज्ञानवापी परिसर का कब्जा हिंदुओं को सौंपने से जुड़ा मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है। इसकी अदालत में सुनवाई नहीं होनी चाहिए, लेकिन कोर्ट ने आदेश दिया, कि इस मामले पर सुनवाई संभव है।
हिंदू पक्ष के वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा, कि गुरुवार को न्यायालय ने किरन सिंह की और से दाखिल याचिका पर मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंजामिया मसाजिद की तरफ से वाद की पोषणीयता को ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत दी गई चुनौती को खारिज कर दिया और वाद को सुनवाई योग्य पाया। मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर 2022 को तय की गई है।
Uttar Pradesh | Varanasi Court dismisses the plea filed by the Masjid committee challenging the maintainability of the suit in the Gyanvapi Mosque case; the next hearing is on 2nd December: Anupam Dwivedi, Advocate Hindu side pic.twitter.com/AbtVONiDfh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 17, 2022
बात दें, विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरन सिंह ने 24 मई को कोर्ट में वाद दाखिल करते हुए इस याचिका में वाराणसी के डीएम, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के साथ ही विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया था। 25 मई को जिला जज ने मामले को फास्ट ट्रैक अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। मुस्लिम पक्ष ने वाद की पोषणीयता पर सवाल खड़ा किया और इसे 1991 वर्शिप एक्ट के तहत कोर्ट में चुनौती दी थी।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में सिविल जज महेंद्र पांडे की अदालत में विश्व वैदिक सनातन संघ द्वारा दाखिल याचिका में ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने सहित तीन माँगों को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। जिन तीन माँगों पर सुनवाई होनी थी, उनमें एक याचिका किरण सिंह विशेन और शेष अन्य की है।
इन याचिकाओं में ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने की माँग की गई है। इस पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमिटी ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा था, कि किरन सिंह विशेन की यह याचिका कोर्ट में सुनवाई योग्य नहीं है।
विश्व वैदिक सनातन संघ के कार्यकारी अध्यक्ष संतोष सिंह ने कोर्ट के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, कि यह बड़ी जीत है। उन्होंने कहा, कि उन्हें उम्मीद है, कि अब सुनवाई के बाद हिंदुओं की माँगें भी मानी जाएँगी। वहीं इससे पहले मई में दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराया गया था। इस सर्वे के दौरान ज्ञानवापी ढाँचे के वजूखाने में प्राचीन शिवलिंग मिला था।