बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक व उसके बेटे अब्दुल मोईद की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें हल्द्वानी, बरेली, दिल्ली और हरियाणा में उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है। वहीं आज अब्दुल मलिक के खिलाफ नगर निगम ने 2.68 करोड़ की आरसी जारी कर दी है। इस आरसी को वसूली के लिए जिलाधिकारी कार्यालय भेज दिया गया है। अब तहसील के माध्यम से वसूली की अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार (19 फरवरी 2024) को नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने आरसी जारी करते हुए वसूली के संबंध में जिलाधिकारी कार्यालय को पत्र भी भेज दिया है। इस पत्र में लिखा गया है, कि अब्दुल मलिक के कब्जे से सरकारी भूमि को हटाने के दौरान घटित हुई हिंसा में निगम के कई वाहन समेत अन्य सामान जल गया। इनकी लागत 2.44 करोड़ है।
पत्र में लिखा गया है, कि नगर निगम की ओर से अब्दुल मलिक के घर में नोटिस चस्पा किया गया था। 15 फरवरी तक पैसा जमा करने के लिए कहा गया था। इसके बाद निगम ने वसूली के सभी प्रयास किए। इसके बाद भी वसूली नहीं हो पाई। राजस्व विभाग 10 फीसदी का संग्रह व्यय लेता है। इसे जोड़कर मलिक से 2.68 करोड़ की वसूली कराई जाए। नगर आयुक्त ने बताया, कि अब्दुल मलिक अगर पैसा नहीं देता है, तो उसके बैंक खाते फ्रिज किए जाएंगे। साथ ही उसकी संपत्ति को नीलाम करके वसूली की जाएगी।
गौरतलब है, कि बनभूलपुरा हिंसक घटनाओं का मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद की गिरफ्तारी के पुलिस पांच सौ से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी है। मलिक के विदेश फरार होने की संभावना के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस पहले ही लुक आउट सर्कुलर जारी कर चुकी है। बता दे, अब्दुल मलिक ने ही सरकारी भूमि पर कब्जा कर अवैध मदरसा व अवैध नमाजस्थल खड़ा कर दिया था।
बता दें, कि आठ फरवरी को इसी अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने पर मुस्लिम भीड़ ने हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस, प्रशासन व मीडिया कर्मियों पर पथराव और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया था। भीड़ ने बनभूलपुरा थाना को पेट्रोल बम से फूंक दिया था। पुलिस ने इस उपद्रव के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक की तलाश में हल्द्वानी में संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका। मालिक के खिलाफ एनबीडब्ल्यू व कुर्की की कार्रवाई भी हो चुकी है।