हरिद्वार जिले के बहादराबाद क्षेत्र की शांतरशाह गांव में किशोरी के साथ गैंगरैप और कत्ल के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने मृतक किशोरी के प्रेमी, उसकी मां सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि प्रधान पति व पूर्व भाजपा नेता आदित्य राज सैनी समेत तीन फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है।
बीते गुरुवार को एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र सिंह डोभाल द्वारा मायापुर स्थित एसपी सिटी कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान हत्याकांड का पर्दाफाश किया। एसएसपी ने मीडियाकर्मियों को बताया, कि सोमवार की तड़के एक किशोरी का शव पतंजलि के पास हाइवे पर मिला था। परिजनों द्वारा शव की पहचान के बाद पीड़िता की मां ने दो आरोपियों के विरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।
🔘48 घंटे के भीतर नाबालिक से दुष्कर्म, हत्या प्रकरण का हरिद्वार पुलिस ने किया खुलासा, सड़क किनारे मिला था किशोरी का शव
🔘 06 गिरफ्तार ; 03 फरार की तलाश जारी
🔘 सही खुलासे पर टीम को ₹ 35000 ईनाम@UttarakhandPolice #MurderCase #UKPoliceStrikeOnCrime pic.twitter.com/qDk18XmIkg
— Haridwar Police Uttarakhand (@haridwarpolice) June 28, 2024
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हरिद्वार एसएसपी द्वारा तत्काल पुलिस की पांच टीमें गठित की गई। इंस्पेक्टर भावना कैंथोला, बहादराबाद एसओ नरेश राठौड़ ने अलग-अलग टीमों के साथ मामले की जाँच-पड़ताल शुरू की। जांच के दौरान सामने आया, कि किशोरी पिछले छह महीने से आरोपी अमित सैनी के संपर्क में थी।
एसएसपी ने बताया, कि किशोरी के परिचित नितिन ने साजिश के तहत अपने दोस्त निखिल पांचाल, तुषार उर्फ भोला व एक अन्य दोस्त के साथ मिलकर पीड़िता से संपर्क कर उसे मिलने के लिए बुलाया। 23 जून की शाम शिव गंगा विहार तिराहा शांतरशाह रोड से नितिन और निखिल किशोरी को बुलेट पर बैठाकर ले आए, जबकि तुषार उर्फ भोला और उसका दोस्त मौसम हाईवे पर उन लोगो से मिला।
पांचो आरोपित दो बाइकों पर उसे बोंगला बाइपास रोड पर ले गए, जहां उन्होंने बियर पी। इसके बाद पीड़िता को हरकी पैड़ी क्षेत्र में ले गए और फिर वापस आकर रोहालकी जाने वाले रोड पर सुनसान स्थान पर नितिन और निखिल ने किशोरी के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। तुषार और मौसम दुष्कर्म करने ही वाले थे, तभी कुछ लोगों के आने की आहट पर वो दोनों मौके से भाग निकले। इसके बाद आरोपित नितिन, और निखिल उसे बाइक पर देर रात घर के पास छोड़कर भाग निकले और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया, कि सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता मदद की आस लिए अपने प्रेमी अमित सैनी के घर पहुंची। इस दौरान उसके प्रेमी ने भी किशोरी के साथ संबंध बनाए। जब किशोरी ने गैंगरेप की बात अमित को बताई, तो वह गुस्से से पागल हो गया और किशोरी के साथ मारपीट करने लगा। इस दौरान अमित के घर पर उसके पिता मदन पाल सैनी, मां शशि देवी, बहन रूबी सैनी भी मौजूद थे।
आरोपी अमित के परिजनों ने नाबालिग होने के कारण सभी के फंसने के भय से किशोरी को मारपीट घर से दुत्कार दिया। मारपीट के दौरान किशोरी का सिर लोहे के गेट पर लगा, जिससे वो घायल हो गई। घायल होने के बाद किशोरी जब घर से जा रही थी, तो अमित ने उसे रास्ते हटाने की साजिश रची और उसका पीछा कर रास्ते में पकड़ लिया।
इसके बाद अमित हत्या करने के इरादे से किशोरी को दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर पतंजलि रिसर्च संस्थान के सामने ले गया। इस दौरान उसने अंधेरे का फायदा उठाया और रुड़की से हरिद्वार जाने वाले अज्ञात वाहन के सामने किशोरी को धक्का देकर वहीं खड़ा रहा। किशोरी की मौत कंफर्म होने के बाद अमित मौके से भाग निकला। उसने इस वारदात की जानकारी अपने चचेरे भाई प्रधान पति आदित्य सैनी को भी दी।
पुलिस के अनुसार, 24 जून की सुबह किशोरी की मां प्रधानपति आदित्य राज सैनी के पास मदद के लिए पहुंची। हालांकि सब कुछ जानते हुए भी उसने जानकारी को छुपाते हुए पीड़िता की माँ को गुमराह कर पुलिस के पास न जाने की सलाह दी और अपने स्तर से उसकी खोज करने की बात कहकर वापस भेज दिया। इस दौरान वो पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहा था। मामले के खुलासे के बाद पुलिस फरार आरोपी आदित्य राज सैनी, अमित के पिता मदनपाल सैनी, उसकी बहन रूबी सैनी की तलाश की जा रही है।
पुलिस ने मुख्य आरोपी अमित सैनी व उसकी मां को गिरफ्तार कर खून से सना कपड़ा और संबंधित बिस्तर और किशोरी का मोबाइल फोन बरामद किया है। इसके अलावा सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपी नितिन व निखिल पांचाल, तुषार उर्फ भोला व मौसम को घटना में प्रयुक्त बाइक के साथ दबोचा गया।
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया, कि इंस्पेक्टर भावना कैंथोला, एसओ नरेश राठौड़ की अगुवाई में पांच टीमों ने 48 घंटे के अंदर खुलासा किया है। नामजद आरोपियों के घरों के आसपास और हाईवे पर लगे करीब 900 सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। 500 संदिग्ध लोगों से पूछताछ करने के साथ ही 100 से अधिक नंबरों की सीडीआर का अवलोकन करते हुए मामले की तह तक टीमें पहुंच सकी।