हरिद्वार जिले की झबरेड़ा थाना पुलिस ने स्कूल के चौकीदार की हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मर्डर मिस्ट्री का खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्या करने वाले स्कूल के माली और ड्राइवर समेत वारदात में शामिल अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल डंडा और अन्य सामान भी बरामद कर लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 5 अक्टूबर को झबरेड़ा थाना पुलिस को सूचना प्राप्त हुई, कि इकबालपुर क्षेत्र स्थित हेरिटेज ग्लोबल स्कूल में नियुक्त चौकीदार इकबाल को लाठी-डंडों से पीट- पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है।
चौकीदार हत्याकांड का हरिद्वार पुलिस ने किया खुलासा, तीनों हत्यारोपी दबोचे।@uttarakhandcopshttps://t.co/Gk235QBIl2 pic.twitter.com/30klm8zMcC
— Haridwar Police Uttarakhand (@haridwarpolice) October 28, 2024
सूचना का तत्काल संज्ञान लेते हुए सीओ मंगलौर विवेक कुमार और थानाध्यक्ष झबरेड़ा अंकुर शर्मा पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे, हालाँकि पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही गंभीर रूप से घायल चौकीदार के परिजन उसे रुड़की के सिविल अस्पताल लेकर चले गए थे।
अस्पताल में गंभीर घायल रूप घायल चौकीदार को चिकित्सकों ने हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही चौकीदार ने दम तोड़ दिया। इसके बाद मृतक के बेटे ने पुलिस को अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने जांच पड़ताल के दौरान जब स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, तो उसमें एक अज्ञात चौकीदार को डंडे से बुरी तरह पीट रहा था।
एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर एसपी देहात ने हत्या में शामिल आरोपियों की तलाश और धरपकड़ के लिए पुलिस टीम का गठन किया। स्कूल से जुड़ा प्रकरण होने के कारण पुलिस ने शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं से पूछताछ की। वहीं कई कड़ियों को आपस में जोड़ने के बाद पुलिस को स्कूल के ड्राइवर टिंकू का व्यवहार संदिग्ध प्रतीत हुआ।
स्कूल बस के ड्राइवर टिंकू से जब सख्ती से पूछताछ की गई, तो हत्या में शामिल राजा (स्कूल का माली) और उसके रिश्तेदार दीपक की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस टीम ने संभावित स्थानों पर लगातार दबिश देकर वारदात में शामिल अन्य आरोपियों को भी दबोचने में सफलता हासिल की।
पुलिस के अनुसार, मृतक स्कूल में बीते 10-12 वर्षों से चौकीदारी का काम कर रहा था। चौकीदारी के साथ ही वह स्कूल बस ड्राइवर और माली के कामों की निगरानी भी करता था। आरोपी ड्राइवर और माली चौकीदार द्वारा की जाने वाली टोकाटाकी से काफी वक्त से नाराज चल रहे थे। आरोपी टिंकू स्कूल में घास कटाई और स्कूल मालिकों के यहां गाय-भैंस का दूध निकालने का काम भी करता था।
घटना के दिन टिंकू का रिश्तेदार दीपक करीब 10 बजे टिंकू से मिलने हैरीटेज स्कूल गया, जहां से दोनों स्कूल वैन में छात्रों को घर छोड़ने गए। बच्चों को छोड़ने और स्कूल वैन को घर पर खड़ी करने के बाद दोनों आरोपी शिवपुर गए और फिर वापस इकबालपुर पहुंचे। जहां दोनों ने शराब खरीदी और तीसरे आरोपी राजा को भी मौके पर बुला लिया।
शराब पीने के दौरान टिंकू और राजा ने चौकीदार इकबाल द्वारा बार-बार की जाने वाली रोक-टोक का जिक्र करते हुए उसे सबक सिखाने की योजना बनाई और दीपक को इस काम के लिए यह कहकर मनाया, कि बाहरी होने के कारण उसे यहां कोई नहीं जानता है। चौकीदार को सबक सिखाने का प्लान बनाने के बाद दीपक ने राजा को स्कूल में इकबाल की रेकी करने और सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग बंद करने के लिए भेजा, लेकिन राजा कैमरे बंद नहीं कर पाया।
वहीं दीपक के हाथ में टैटू था, पहचाने जाने के डर से तीनों इकबालपुर मेडिकल स्टोर से 4 पट्टियां खरीदकर लाए और शमशान घाट को जाने वाली चकरोड पर पहुंचकर बाइक खड़ी कर गन्ने के खेत से होते हुए स्कूल की बाउंड्री के पास पहुंचे। जहां पर दीपक ने पहले अपने कपड़े उतारे और टिंकू और राजा ने उसके दोनों हाथ और पैरों पर पट्टियों को बांध दिया।
आरोपी दीपक ने पहले सफेद रंग के साफे से अपना चेहरा ढक लिया। इस दौरान टिंकू और राजा पहले स्कूल की बाउंड्री फांद कर अंदर गए और परिसर में टहल रहे चौकीदार को दूर से ही देखने लगे। मौका देखकर कुछ समय बाद दोनों ने दीपक को भी स्कूल के अंदर बुला लिया। जहां दीपक ने मौका पाकर पीछे से इकबाल की कमर पर जोरदार लात मारकर उसे जमीन पर गिरा दिया और उसके हाथ से डंडा छीनकर हमला कर दिया।
चौकीदार को घायल करने के बाद दीपक डंडे को मौके पर ही छोड़कर तुरंत तेजी से दौड़कर वापस आया और तीनों स्कूल की दीवार फांद अपनी बाइक के पास आए। इस दौरान दीपक ने गन्ने के खेत में ही हाथ और पैरो में बंधी पट्टियां को फेंक दिया। उसके बाद दीपक ने अपने कपड़े पहने और तीनों बाइक से लाठरदेवा शेख होते हुए रेलवे स्टेशन रुड़की पहुंचे।
दीपक को ट्रेन में बैठाकर टिंकू और राजा वापस अपने गांव लौट आये। वहीं अगले दिन सुबह चौकीदार की हत्या की जानकारी मिलने पर आरोपी टिंकू और राजा ने यह बात दीपक को भी बताई। पुलिस के अनुसार, संदेह से बचने के लिए टिंकू और राजा सामान्य व्यवहार दिखाने का प्रयास करते रहे। हालांकि पूछताछ के दौरान पुलिस को उनकी गतिविधियां संदिग्ध प्रतीत हुई और सख्ती दिखाने पर उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।