उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस को मिली अकल्पनीय पराजय के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत को उनकी ही पार्टी के नेता लगातार निशाने पर ले रहे है। रविवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने उनपर लगाए जा रहे आरोपों पर पलटवार करते हुए अपने ट्विटर संदेश ने कहा, कि यदि पूरे घटनाक्रम की जांच की मांग को लेकर वे कांग्रेस कार्यालय में उपवास पर बैठ गए, तो एआईसीसी को स्वतंत्र उच्चस्तरीय जांच बैठानी पड़ेगी। हरीश रावत ने कहा, कि मैं जानता हूँ, पार्टी को गहरे घाव लगे है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सीएम हरीश रावत ने कहा, कि विधानसभा चुनाव 2022 हारने के बाद काफी समय से सोशल मीडिया में मुझ पर बिना सिर पैर के हमले करने वालों की बाढ़ आ गई है। धामी की धूम पेज में मुझ पर जुटकर प्रहार कर रहे भाजपाई शोहदों के साथ साथ हमारे एक नेता से जुड़े हुए कुछ लोग भी दनादन मुझ पर गोले दाग रहे है। उनको लगता है हरीश रावत को गिराकर मार देने का यही मौका है।
चुनाव हारने के बाद काफी समय से सोशल मीडिया में मुझ पर बिना सर-पैर के हमले करने वालों की बाढ़ सी आ गई है। धामी की धूम पेज में मुझ पर जुटकर प्रहार कर रहे भाजपाई शोहदों के साथ-साथ हमारे एक नेता से जुड़े हुए कुछ लोग भी दनादन मुझ पर गोले दाग रहे हैं,
1/2 pic.twitter.com/7qZGcBBE3r— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) March 27, 2022
हरीश रावत ने कहा, कि मैं अपने घाव को उकेर कर पार्टी के घावों में संक्रमण नहीं फैलाना चाहता हूँ। मगर मुझे अपने पर लगातार लगाए जा रहे झूठे आरोप और उसके दुष्प्रचार का खंडन भी करना है। दुष्प्रचार फैलाने वाले चेहरों को बेनकाब भी करना है। फैसला किया है, कि भाजपाइयों और एक नेता विशेष के कांग्रेसी छाप दुष्प्रचारकों का भंडाफोड़ भी करना है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा, कि कहां से एक यूनिवर्सिटी का मामला उठा। किसने उसको उठाया। किनके सामने उठाया। उस व्यक्ति को पार्टी का उपाध्यक्ष किसने बनाया, यह कहानी अब सारे राज्य के लोगों को स्पष्ट मालूम है। यूनिवर्सिटी की बात कहने वाले व्यक्ति की सियासी जिंदगी में उसे सचिव व महामंत्री बनाने वाला नाम भी सामने आ चुका है।
हरीश रावत ने कहा, कि जिस समाचार पत्र में मेरा मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाए जाने को लेकर बयान छपा है, यदि कोई वह समाचार पत्र ले आए, तो वे एक लाख ईनाम देंगे। पहले ये ईनाम 50 हजार रुपये था। मैंने समाचार पत्र की 10 प्रतियां लाकर मुझे दिखाने की चुनौती भाजपा के धामी की धूम पेज के शोहदों को दी थी। अब इस दुष्प्रचार अभियान में कुछ तथाकथित कांग्रेसी छाप लोग भी शामिल हो गए हैं। जिस दिन ये साबित हो गया, तो मैं गांधी की मूर्ति के सामने बैठकर राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दूंगा।
उल्लेखनीय है, कि भाजपा ने चुनाव के दौरान मुस्लिम यूनिवर्सिटी को एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया था, कि हरीश रावत राज्य में 14 फरवरी को होने जा रहे मतदान के मद्देनजर गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों की 10-12 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे है।
वहीं उत्तराखंड भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने 3 फरवरी को एक तस्वीर ट्वीट करते हुए, हरीश रावत को ‘हरीशुद्दीन जी’ कहकर संबोधित किया था। हालाँकि चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में तजिंदर बग्गा ने उत्तराखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी को सपष्टीकरण देते हुए लिखा था, कि उनकी मंशा मतलब हरीश रावत का अपमान करना नहीं था, बल्कि वह तो कांग्रेस नेता और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के बीच समानता दिखाकर उनकी प्रशंसा ही कर रहे थे।