खबरों के अनुसार चीन के द्वारा उइगर मुस्लिमों के मानव अंगों का उपयोग अब देह व्यापार के लिए भी करना आरंभ कर दिया है। शिनजियांग प्रान्त में चीन अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों के अंगों को निकाल कर उन्हें ब्लैक मार्किट में बेच रहा है। एक जानकारी के अनुसार इस अवैध मानव अंगो के व्यवसाय से पड़ोसी देश चीन को करोड़ों डॉलर की जमकर कमाई हो रही है। हालाँकि इस प्रकार के मामले में दोष सिद्ध होने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय चीन पर नए तरीके के प्रतिबंध लगा सकता है।
ऑपइंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की न्यूज एजेंसी ‘द हेराल्ड सन’ ने यह सनसनीखेज दावा करते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है,कि उइगर मुस्लिम के स्वस्थ लिवर को चीन 1,60,000 डॉलर्स यानी एक करोड़ बीस लाख की कीमत पर बेचा जा रहा है। मेलबर्न स्थित ‘द हेराल्ड सन’ अख़बार ने दावा किया है, कि इस प्रकार के अवैध व्यापार से चीन को लगभग एक बिलियन डॉलर (7492 करोड़ रुपयों) की कमाई हो रही है।
If you are Chinese and you need an organ transplant, it’s pretty easy.
According to international media, forced organ harvesting is being done and the victims are Uighur Muslims.
Horrifying ? https://t.co/SvovoBzj0m
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) October 30, 2021
‘द हेराल्ड सन’ कि रिपोर्ट के अनुसार, चीन के डिटेंशन कैंपों में इन उइगर मुस्लिमों को रखा गया है, और वहाँ शायद जबरदस्ती उनके अंग निकाला जा रहा है। इसी वर्ष जून माह में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) द्वारा इन डिटेंशन कैंपों में उइगर मुस्लिमों के मानव अंगो को निकाल कर काले बाजार में बेचे जाने का मुद्दा उठाया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग का कहना है, कि चीन में तिब्बतियों, ईसाईयों और फालुन गोंग नाम के अन्य मजहब के अनुयायियों के साथ भी ऐसा ही क्रूर बर्ताव किया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग का कहना था, कि बिना अनुमति के उइगर मुस्लिमों का सम्पूर्ण शारीरिक परिक्षण कराया जाता है, जिससे चीन की सरकार पहले ही यह सुनिश्चित कर ले, कि किसी उइगर मुस्लिम के अंगो के काले बाजार में क्या कीमत मिलेगी। इसके लिए बाकायदा ऑर्गन एलोकेशन विभाग का गठन भी किया गया है। जिसके डेटाबेस में इन उइगर मुस्लिमों के अंगों की पूरी जानकारी रहती है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के द्वारा यह भी दावा किया जा रहा है, कि जिन अस्पतालों में ऑर्गन ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन किया जाता है, वो डिटेंशन कैंपों के निकट ही स्थित होते हैं। ‘ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टिट्यूट’ के एक शोध के अनुसार, वर्ष 2017 से 2019 के मध्य लगभग अस्सी हजार उइगर मुस्लिमों को देह-व्यापार का शिकार बनाया जा चुका है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, विगत के कुछ वर्षों में चीन ने उइगर मुस्लिमों की 84 बिलियन डॉलर की चल – अंचल संपत्ति जब्त की गई है। इसके साथ ही मानव अंगो दिल, किडनी, लिवर, कॉर्निया और लिवर समेत अन्य अंगो को निकाल कर उनका अवैध व्यापार किया जा रहा है। बताया जा रहा है, इस पूरी प्रक्रिया में मेडिकल विशेषज्ञ और चिकित्सकों का सहयोग लिया जाता है।
इसके अलावा चीन को उइगर मुस्लिमों के आतंकी संगठनों का डर भी सता रहा है, जिसे निपटाने के लिए उसने हाल ही में आतंकी संगठन तालिबान से समझौता किया था। वहीं चीन की मंशा हर सूरत में उइगरों मुस्लिमो का नामोंनिशान मिटाने की है। अपने इसी प्रयास के तहत चीन में उइगर मुस्लिमों को चीन के प्राचीन रीति-रिवाज सिखाएँ जाते है, मंदरीन भाषा और मजहब की शिक्षा दी जाती है। इसके अलावा उन्हें अपने मजहब के किसी भी रीतिरिवाज में सम्मिलित होने की मंजूरी नहीं है।