पिछले वर्ष सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म में अपने ढाबे के मटर पनीर से लोकप्रिय हुए ‘बाबा का ढाबा’ वाले मालिक कांता प्रसाद एक बार फिर खुदखुशी के वजह से चर्चा में है। जानकारी के अनुसार शराब के साथ नींद की गोलियो के अधिक सेवन के बाद ढाबा मालिक कान्ता प्रसाद वर्तमान में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के ICU में भर्ती है। चिकत्सको के अनुसार उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। दिल्ली पुलिस द्वारा बताया गया, कि ढाबा मालिक कान्ता प्रसाद ने खुदखुशी का प्रयास किया था।
An old man who had nothing to do with internet gets milked so hard by a few that he eventually falls into depression & attempts suicide. He didn't ask for it. It's just sad seeing him suffer this way.#BABAKADHABA pic.twitter.com/zYZDiBknUo
— ???? ??? (@brahman_hu) June 18, 2021
दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में ढाबा चलने वाले कांता प्रसाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो के वायरल होने के बाद पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए थे। ढाबा संचालक कान्ता प्रसाद की असहाय स्थिति देखकर देश ही नहीं दुनिया भर के कई लोग उनकी सहायता के लिए आगे आये। ढाबा संचालक कान्ता प्रसाद को मिली आर्थिक सहायता से उनकी वित्तीय स्थिति में बेहतर सुधार हुआ। आर्थिक स्थिति बेहतर होने के बाद ‘बाबा के ढाबा’ वाले कांता प्रसाद ने एक नया रेस्टोरेंट का शुभारम्भ किया।
मालवीय नगर में खोले गए रेस्टोरेंट में दो कुक और एक हेल्पर को भी नौकरी पर रखा गया। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन के दौरान उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। रेस्टोरेंट बिजनेस में आर्थिक हानि के चलते उनके रेस्टोरेंट पर ताला लग गया। रेस्टोरेंट की शुरुवात करने के लिए तकरीबन डेढ़ लाख से अधिक रुपयों का खर्चा आया था। रेस्टोरेंट पर ताला लगने से उसका सामान बेचने के बाद 30 – 40 हजार रुपये ही मिल पाए थे। कोरोना संक्रमण के दौरान लगे लॉकडाउन में उनके रेस्टोरेंट का खर्चा 2 लाख रुपये प्रति महीने का था, जबकि कमाई मात्र 15 हजार रुपये तक हो रही थी।
पिछले वर्ष ‘बाबा का ढाबा’ के संचालक की बदहाली का वीडियो वायरल करने वाले यू-ट्यूबर गौरव वासन से कुछ ही दिनों के बाद ढाबा संचालक कान्ता प्रसाद से दान में मिले रुपयों को लेकर विवाद हो गया था। कान्ता प्रसाद ने गौरव वासन पर दान के रूप में प्राप्त रुपयों में घोटाले का आरोप लगाया था, जिसका गौरव वासन ने मिडिया के सामने खंडन किया था। यू-ट्यूबर गौरव वासन ने मीडिया को बैंक की स्टेटमेंट्स दिखाते हुए सहायता में मिले पैसो का पाई-पाई का हिसाब देने का प्रयास किया। गौरतलब है, कि दान में मिले इन पैसो के विवाद के बाद सोशल मीडिया पर लोग बाबा के खिलाफ एहसान-फरामोशी का आरोप लगाने लगे थे।
मालवीय नगर में खोले गए रेस्टोरेंट के बंद होने के बाद भले ही ढाबा संचालक कान्ता प्रसाद को नुकसान उठाना पड़ा हो। परन्तु ढाबा संचालक की आर्थिक स्थिति इतनी बदतर भी नहीं थी। कुछ रोज पहले ही ढाबा संचालक कान्ता प्रसाद ने एक वीडियो के माध्यम से बताया था कि आर्थिक सहायता के रूप में मिली रकम में से उनके पास अभी भी लगभग 19 लाख रुपये शेष है। इस लिहाजा से आर्थिक स्थिति ख़राब होने के आधार पर उनकी खुदकुशी करने की बात कसौटी पर खरी नहीं उतरती।