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उत्तर प्रदेश में एक बार फिर ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची गई, लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। लोको पायलट की सूचना पर ट्रेन मैनेजर ने दो किशोरों को घटनास्थल से पकड़ कर आरपीएफ के सुपर्द कर दिया। आरपीएफ ने दोनों युवकों को कोतवाली देहात पुलिस को सौंप दिया। इस मामले में पुलिस ने दो किशोरों से पूछताछ की है।
पुलिस की पूछताछ में पता चला, कि एक किशोर (15) सांडी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी है, जबकि दूसरा किशोर (16) बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है। बता दें, कि रेलवे ट्रैक पर लोहे के नट-बोल्ट और पत्थर रखे गए थे। ट्रेन का इंजन जैसे ही पटरी के ऊपर से गुजरा, तो लोको पायलट को मामला संदिग्ध लगा और उन्होंने तत्काल आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका।
लोको पायलट जब स्थिति का जायजा लेने के लिए ट्रेन से नीचे उतरे, तो उन्हें दो संदिग्ध लड़के दिखे। लोको पायलट ने इसकी जानकारी हरदोई रेलवे स्टेशन ट्रेन मैनेजर को दी। सूचना के आधार पर ट्रेन मैनेजर ने दो लड़कों को पकड़ लिया और अपने केबिन में बैठा लिया। इसके बाद ट्रेन को धीमी गति से हरदोई रेलवे स्टेशन पर लाया गया।
रेलवे स्टेशन पर दोनों संदिग्धों को आरपीएफ के सुपुर्द कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है, कि दोनों किशोर अलग-अलग गांव में रहते है, लेकिन मदरसे में तालीम के दौरान दोनों के बीच दोस्ती हो गई। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक आरबी सिंह ने बताया, कि इस घटना में दो नाबालिग किशोरों को देहात कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया है, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
दोनों संदिग्धों ने लोहे का बोल्ट रेलवे ट्रैक के पास से ही सेल्फी खींचने के दौरान उठाया था। ट्रेन आती दिखने पर दोनों ने पत्थर के आगे बोल्ट रख दिया। मामला संज्ञान में आते ही रेलवे सुरक्षा बल की टीम भी घटनास्थल पहुंची, जहां निरीक्षण के दौरान डाउन लाइन के साउथ साइड ट्रैक पर कई स्पॉट मिले। टीम को लोहे की स्टील बोल्ट का टूटा हुआ छोटा सा टुकड़ा मिला। जांच के बाद ट्रेन को आगे लखनऊ की ओर रवाना किया गया।