
सांकेतिक चित्र (फोटो साभार: freepik.com)
प्रयागराज में आयोजित हुए 2025 के महाकुंभ में अध्यात्म और आधुनिक तकनीक का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला। प्रयागराज में 45 दिन तक चले दिव्य और भव्य महाकुंभ में देश-विदेश से पहुंचे 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों, कल्पवासियों और पर्यटकों ने आध्यात्मिक क्षणों का आनंद लेते हुए त्रिवेणी के संगम में आस्था की डुबकी लगाई।
उल्लेखनीय है, कि संगम की रेती पर आस्था, विश्वास, सौहार्द और संस्कृतियों के मिलन स्थल महाकुंभ में पहुंचे युवाओं के अंदर यहाँ की भव्यता और दिव्यता देख सनातन के प्रति चेतना जागृत हुई है। बता दें, कि महाकुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में लगभग आधे 25 वर्ष या इससे कम उम्र के युवा वर्ग के थे। साथ ही महाकुंभ में रामकथा, भागवत कथा और प्रवचनों में युवाओं की भारी भीड़ उमड़ी।
गूगल ट्रेंड्स के मुताबिक, दिसंबर 2024 के बाद से ‘महाकुंभ’ विश्व में लगातार सबसे अधिक सर्च किये जाने वाला शब्द रहा है। जनवरी, 2025 आते-आते इन सर्च की संख्या करोड़ों में पहुँच गई। सर्च सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि नेपाल, पाकिस्तान और यहाँ तक कि अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया में भी किए गए। इसके अलावा 33 करोड़ से अधिक युवाओं ने महाकुंभ की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए।
अमर उजाला की एक रिपोर्ट बताती है कि महाकुंभ के दौरान देश में वेद और पुराणों के विषय में किए जाने वाले सर्च में 300 गुना की बढ़ोतरी हुई। यहाँ तक कि महाकुंभ की आधिकारिक वेबसाइट भी इस दौरान विजिटर्स से गुलजार रही है। महाकुंभ की वेबसाइट पर 33 लाख से ज्यादा लोगों ने 4 जनवरी, 2025 तक ही आ गए थे। इसके बाद और भी बढ़ोतरी हुई।
गौरतलब है, कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के डिजिटल महाकुंभ को युवाओं ने हाथों हाथ अपनाया। महाकुंभ में युवाओं के बड़ी संख्या में आने के पीछे एक कारण इसका सोशल मीडिया पर प्रसार और इसके विषय में जानकारियाँ सुलभ होना भी रहा है।
एआई आधारित कुंभ सहायक ऐप और गूगल नेविगेशन से युवाओं को जोड़ने में सफलता मिली। तकनीक और संस्कृति के संगम में युवाओं ने श्रद्धा की डुबकी लगाने के रिकॉर्ड बनाए।