देश की राजधानी दिल्ली की सीमा को किसान आंदोलन के नाम पर घेर के बैठे लोगो ने एक व्यक्ति को जिन्दा जला दिया। टिकरी बॉर्डर पर चल रहे कृषि सुधार कानूनों के विरोध में धरने के नजदीक किसान आंदोलन में शामिल कुछ लोगों ने आंदोलन वाली जगह पर पहले जमकर शराब का सेवन किया। इसके बाद हरियाणा बहादुरगढ़ के कसार गांव के रहने वाले मुकेश मुदगिल के साथ कहासुनी के बाद पेट्रोल छिड़ककर आग में जिन्दा जला दिया।
That man was from.the nearby village( kasaar)of tikri border who died…the alleged farmer was from.jind….this is the post of sarpanch on fb..
He is my relative. .. pic.twitter.com/NfZZaB00ES
— pk sharma (@karnshpk) June 17, 2021
दैनिक जागरण की एक खबर के अनुसार, मुकेश मुदगिल कसार गांव का रहने वाला शाम को घूमते हुए किसान आंदोलन में शामिल होने आया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दर्दनाक घटना से पहले मुकेश को शराब पिलाई गई। शराब के सेवन के बाद शराब पी रहे लोगो के बीच वाद विवाद होने लगा जो बाद में लड़ाई-झगड़े में तब्दील हो गया। मार पीट के बाद मुकेश को शहीद घोषित करने के लिए उस पर पेट्रोल छिड़क कर जिन्दा जला दिया गया।
तकरीबन नब्बे प्रतिशत जल चुके मुकेश मुदगिल को धरना स्थल पर मौजूद व्यक्तियों ने हाथ लगाने से इंकार कर दिया। इसके बाद मुकेश के परिजन उसे किसी प्रकार अस्पताल ले गए। परन्तु गंभीर रूप से जल चुके मुकेश को बचाया नहीं जा सका। मुकेश ने बेहद झुलसी हुई अवस्था में बताया, कि एक सफेद कपड़े पहने एक आंदोलनकारी ने उस पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। और कहा, कि ‘आंदोलन के लिए शहीद हो जा’ बाद में उक्त आंदोलनकारी की पहचान जींद के रायचंदवाला निवासी कृष्णा पंजेठा के रूप में हुई,मुकेश के गांव वालो का कहना है, कि घटनास्थल पर कृष्णा के अलावा तीन और लोग थे।
दरअसल आरोपियों ने मुकेश को जिन्दा जलाने के बाद हत्या को शहीद का दर्जा देने का प्रयास किया। आंदोलनकारी इस घृणित हत्याकांड को राजनितिक रंग देकर केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में मुकेश द्वारा खुद को आग लगाए जाने की बात को प्रचारित करना चाहते थे। जबकि मृतक मुकेश मुदगिल के परिजनों ने सीधे तौर पर आरोप है, कि हत्याकांड के चारों आरोपी राजधानी दिल्ली के निकट टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का हिस्सा हैं। पुलिस द्वारा मामले में केस दर्ज कर मुख्य आरोपी कृष्णा पंजेठा को हिरासत में ले लिया है।