डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह मर्डर केस में गुरमीत राम रहीम समेत अन्य चार आरोपियों को पंचकूला की स्पेशल सीबीआई अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उल्लेखनीय है, कि डेरे के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह हत्याकांड मामले पर सोमवार को लगभग 19 वर्ष बाद निर्णय सुनाया गया है।
Ranjit Singh murder case | Special CBI court in Panchkula awards life imprisonment to all the accused, including Dera Sacha Sauda's Gurmeet Ram Rahim and four others. A fine of Rs 31 Lakhs levied on Ram Rahim and Rs 50,000 on the remaining accused. pic.twitter.com/WUQMA30sG6
— ANI (@ANI) October 18, 2021
न्यूज मीडिया कि रिपोर्ट्स के अनुसार, रंजीत सिंह हत्याकांड के मामले में गुरमीत राम रहीम को अदालत द्वारा पूर्व में ही दोषी सिद्ध कर दिया गया था। हालाँकि न्यायलय द्वारा उस वक्त उनकी सजा पर सुनवाई नहीं की गयी थी। गौरतलब है, कि महिला साध्वियों से दुष्कर्म और पत्रकार के कत्ल के मामले में राम रहीम पहले से ही जेल में सजा काट रहा है।
डेरे के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह के कत्ल के सिलसिले में बीते आठ अक्तूबर को गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को अदालत द्वारा आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के अंतर्गत दोषी ठहराया था। जबकि अन्य आरोपी जसवीर, अवतार और सबदिल को अदालत ने 302,120-बी और आर्म्स एक्ट के अंतर्गत दोषी करार दिया है।
जानकारी के लिए बता दें, कि कुरुक्षेत्र के निवासी रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रंजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा में मैनेजर के पद पर कार्य करते थे। डेरा प्रबंधन को रंजीत सिंह पर संदेह उत्पन्न हो गया था, कि उसने साध्वी के साथ दुष्कर्म की घटना की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन द्वारा लिखवाई थी। बताया जा रहा है, कि इसी संदेह के आधार पर रंजीत सिंह को मौत के घाट उतार दिया गया था।
साल 2003 में रंजीत सिंह के पुत्र जगसीर सिंह ने उच्च न्यायलय में अपील दायर कर इस प्रकरण में सीबीआई जांच का निवेदन किया था। उच्च न्यायलय द्वारा जगसीर सिंह के पक्ष में निर्णय देते हुए हत्याकांड की जांच का मामला सीबीआई को सौंप दिया था।
इस मामले में सीबीआई ने 2003 में कोर्ट के आदेश के बाद हत्या के मामले की जांच शुरू कर दी थी । हालाँकि 2003 में जांच सीबीआई को मामला सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर राम रहीम का नाम इस हत्याकांड में शामिल किया गया था।