
मेहुल चौकसी बेल्जियम में गिरफ्तार, (फोटो साभार: NDTV)
पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित मेहुल चौकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है। 14 हजार करोड़ के बैंक फ्रॉड के आरोपी मेहुल चौकसी ने बेल्जियम में रहने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया था। उसे शनिवार (12 अप्रैल 2025) को गिरफ्तार किया गया। बता दें, कि भारतीय एजेंसियों द्वारा प्रत्यर्पण की अपील के बाद बेल्जियम में यह कार्रवाई की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बेल्जियम के अधिकारियों को एक औपचारिक पत्र लिखकर चौकसी की गिरफ्तारी की माँग की थी। चौकसी के खिलाफ 23 मई 2028 और 15 जून 2021 को मुंबई कोर्ट द्वारा वारंट जारी किया गया था। इसके आधार पर बेल्जियम पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।
दरअसल, यह भारतीय जांच एजेंसियों की पिछले सात साल से ज्यादा वक्त की अथक मेहनत और विस्तृत जांच-पड़ताल का नतीजा है, कि अब उनके हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। मेहुल चौकसी अपनी पत्नी प्रीति चौकसी के साथ बेल्जियम में छिपकर रह रहा था। जानकारी के अनुसार, चौकसी ने बेल्जियम में रहने के लिए नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मेहुल चौकसी बेल्जियम के एक अस्पताल में अपना इलाज करवाने के लिए गया था। इसकी भनक जैसे ही भारतीय एजेंसियों को लगी, उन्होंने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। चौकसी को जब खबर लगी, कि बेल्जियम में उसे गिरफ्तार किया जाएगा, तो वह स्विट्ज़रलैंड भागने की योजना बना रहा था। हालांकि इससे पहले ही बेल्जियम प्रशासन ने उसे पकड़ लिया।
बता दें, कि मेहुल चौकसी हीरा कारोबारी है और ‘गीतांजलि ग्रुप’ नाम की कंपनी का मालिक है। उसने वर्ष 2011 से पीएनबी बैंक को लोन के नाम पर धोखा देना शुरू किया था, लेकिन इस घोटाले का पर्दाफाश 2018 में हुआ। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह देश छोड़कर फरार हो गया था। इससे पहले भारत ने एंटीगुआ और बारबूडा से उसे भारत लाने का प्रयास किया था, लेकिन वो किसी तरह भागने में सफल रहा।
भारत के चुंगल से बार-बार फिसलने के बाद इस दफा चौकसी जिस देश में है, भारत का उस देश से 1901 से प्रत्यर्पण समझौता है। यह संधि अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है, जो भारत को कानूनी आधार देती है। गौरतलब है, कि आतंकी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की सफल कार्रवाई के बाद मेहुल चौकसी की गिरफ्तारी को मोदी सरकार की बड़ी सफलता के रूप पर देखा जा रहा है।