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कर्नाटक हाई कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी के खिलाफ केस को किया खारिज, (चित्र साभार: X/@barandbench)
कर्नाटक हाईकोर्ट ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को बड़ी राहत दी है। अर्नब गोस्वामी के खिलाफ दर्ज एक मुकदमे को खारिज करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अर्नब को टारगेट करने और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार दिखाने के मामले में राज्य पुलिस को फटकार भी लगाई है।
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा, कि ये सब सिर्फ और सिर्फ उनके मीडिया में बड़ा चेहरा होने के कारण किया गया है। वरिष्ठ पत्रकार को मामले में बिना किसी वैध कारण के अनुचित ढंग से फँसाया गया। इसके बाद न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने गोस्वामी के खिलाफ आपराधिक मामले को खारिज कर दिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अर्नब गोस्वामी के खिलाफ पिछले वर्ष फर्जी खबर प्रसारित करने का आरोप लगाया गया था। कर्नाटक कांग्रेस के सदस्य रवींद्र ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था, कि पिछले साल 27 मार्च को रिपब्लिक टीवी कन्नड़ ने एक न्यूज का प्रसारण किया था, जिसमें दावा किया गया था, कि सीएम सिद्धारमैया का काफिला गुजरने के दौरान बेंगलुरु के एमजी रोड पर ट्रैफिक रोक दिया गया था, जिससे एक एम्बुलेंस आगे नहीं बढ़ पाई।
शिकायतकर्त्ता रवींद्र का कहना था, कि ये जानकारी भ्रमित करने वाली है, क्योंकि उस वक्त सिद्धारमैया मैसूर में थे, बेंगलुरु में नहीं। इसी मामले में अर्नब गोस्वामी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) के अंतर्गत केस दर्ज किया गया। मुकदमे की सूचना जब अर्नब गोस्वामी को प्राप्त हुई, तो वे इस मुकदमे को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट पहुँचे।
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा, कि वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी का नाम इस मामले में क्यों लिया गया है। कोर्ट के संज्ञान में आया, कि जो न्यूज रिपब्लिक टीवी कन्नड़ में प्रसारित की गई थी, उसमें अर्नब प्रत्यक्ष तौर पर शामिल नहीं थे। जब कोर्ट ने पूछा, कि अर्नब गोस्वामी ने कौन सा विशेष अपराध किया है, तो प्रदेश सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया।
Arnab Goswami was booked recklessly in fake news case to settle scores: Karnataka High Court
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— Bar and Bench (@barandbench) February 24, 2025
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पाया, कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को अनुचित तरीके से फँसाया गया। जबकि उनका संबंधित न्यूज से कोई लेना-देना नहीं था। कोर्ट ने कहा, कि अर्नब गोस्वामी को मामले में घसीटना केवल ‘बदला लेने’ की कार्रवाई थी और मामले में शिकायत दर्ज होना सिर्फ पुलिस की लापरवाही है।