खस्ताहाल और भारी भरकम उधार में डूबी सरकारी हवाई सेवा कंपनी एयर इंडिया की कमान सँभालने की जिम्मेदारी टाटा ग्रुप को मिल चुकी है। न्यूज मीडिया की खबरों के अनुसार, एयर इंडिया कंपनी की घर वापसी की सूचना पर आधिकारिक मुहर लग गई है। बताया जा रहा है,कि प्रतिष्ठित टाटा संस ने स्पाइसजेट को पीछे छोड़ते हुए Air India को तकरीबन 68 साल बाद अपने ग्रुप में जोड़ने में कामयाबी हासिल कर ली है।
Tata Sons wins the bid for acquiring national carrier Air India pic.twitter.com/XgAW5YBQMj
— ANI (@ANI) October 8, 2021
खबरों के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के नियंत्रण में आने वाली डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने अपने एक बयान में कहा, कि केंद्रीय मंत्रियों की समिति द्वारा एयर इंडिया के लिए विजेता बोली को अनुमति दे दी है। जानकारी के मुताबिक, भारत में घरेलू नमक से लेकर तकनीकी क्षेत्र में सॉफ्टवेयर तक बनाने वाली कंपनी टाटा संस ने 18,000 करोड़ रुपए की सबसे बड़ी बोली लगाते हुए एयर इंडिया का स्वामित्व प्राप्त कर लिया है।
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट और टाटा संस के बीच हुए इस अनुबंध के अनुसार एयर इंडिया के लिए टाटा समूह द्वारा लगाई गयी 18,000 करोड़ रुपए की बोली की रकम से 15300 करोड़ रुपए का एयर इंडिया का कर्ज चुकाया जायेगा और शेष बची राशि 2700 करोड़ सरकार के खजाने में जमा होगा।
The total debt on Air India as of 31st August 2021 is Rs 61,562 crores, says Tuhin Kant Pandey, Secretary, DIPAM pic.twitter.com/qFrhip2tmE
— ANI (@ANI) October 8, 2021
गौरतलब है, कि एयर इंडिया पर लगभग 61,560 करोड़ रुपए का कर्ज का बकाया शेष है। जिसमें से लगभग 15300 करोड़ रुपए का भुगतान टाटा समूह करेगा, जबकि शेष बची राशि 46,262 करोड़ रुपए AIAHL (Air India asset holding company) के जरिये किया जायेगा। DIPAM के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बताया, कि अनुबंध के नियमो के अनुसार, एयर इंडिया की भूमि और भवनों समेत किसी भी नॉन एसेट (जैसे- जमीन और इमारतों ) की बिक्री नहीं की जा रही है।
जानकारी के लिए बता दे, टाटा समूह द्वारा वर्ष 1932 के अक्टूबर में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया कंपनी की नींव रखी थी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसकी हवाई सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। विश्व युद्ध के खत्म होने के एक वर्ष बाद साल 1946 में दोबारा इसका संचालन बहाल हुआ, इसके बाद टाटा एयरलाइंस का नाम परिवर्तन कर इसे एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया।
भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद के बाद एयर इंडिया के लगभग 49 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत सरकार ने ले ली थी। जिसके बाद वर्ष 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। पूर्वजो द्वारा स्थापित एयर इंडिया कंपनी के लगभग 68 वर्ष बाद घर वापसी पर टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने ने ट्विवटर पर भावुक सन्देश पोस्ट करते हुए लिखा, ‘वेलकम बैक, एयर इंडिया’ इस पोस्ट के साथ 1932 में इस विमानन सेवा की नींव रखने वाले दिव्यदर्शी कारोबारी जेआरडी टाटा की एयर इंडिया के साथ एक तस्वीर भी साँझा की।
Welcome back, Air India ?? pic.twitter.com/euIREDIzkV
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 8, 2021