चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम स्थिति तक पहुँचता जा रहा है। ताइवान ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है, कि यदि चीन ने उनके देश के ऊपर हमला किया तो जबाबी कार्यवाही में ताइवान भी मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। ताइवान ने कहा है, कि अगर चीन अपने लड़ाकू विमानों की घुसपैठ के बाद आइलैंड द्वीप पर कब्जा करने का प्रयास करता है, तो इससे ‘क्षेत्रीय शांति के लिए विनाशकारी परिणाम’ सिद्ध होंगे।
After days of aggressive incursions by Chinese warplanes, Taiwan president says her nation will "do whatever it takes to defend itself.”
She warns of “catastrophic consequences” for the region should Taiwan fall.https://t.co/yjfd49QRN9 pic.twitter.com/0Lc06zpfFG
— Jim Roberts (@nycjim) October 5, 2021
डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन चीन को स्पष्ट रूप से आगाह करते हुए कहा है, कि अपने देश की संप्रभुता बचाये रखने के लिए उसे किसी भी घातक कदम उठाने की प्रकिया से गुजरना पड़ेगा, तो उस हद तक जाने से ताइवान कतई पीछे नहीं हटेगा। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने चेतावनी देते हुए कहा है, कि चाइना यदि ताइवान पर कब्जा करता है, तो पूरे एशिया में इसके घातक और विनाशकारी परिणाम होंगे।
गौतलब है, कि बीते शुक्रवार से वर्तमान समय तक तकरीबन 150 चीनी युद्धक विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने का दुःसाहस किया है। बीते सोमवार को चाइना ने अपनी विस्तारवादी नीति के मद्देनजर लगभग 56 लड़ाकू विमानों के साथ ताइवान के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरी। चीन अपने आक्रामक व्यवहार के जरिये ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन पर उस वक्त से दबाव की रणनीति पर कार्य कर रहा है, जब से त्साई इंग वेनवो वर्ष 2016 में एक ‘स्वतंत्र’ ताइवान की राष्ट्रपति के रूप में चुनी गई थी।
2/ The aircraft all flew sorties in the southwest corner of Taiwan's ADIZ, just to the northeast of the Dongsha Islands. #Taiwan it scrambled combat patrol aircraft, issued radio warnings to tell the Chinese aircraft to turn back, and deployed air defense missile systems. pic.twitter.com/iXWZzoiusM
— Indo-Pacific News – Watching the CCP-China Threat (@IndoPac_Info) October 4, 2021
ताइवान की राष्ट्रपति का आक्रामक बयान ऐसे वक्त में आया है, जब चाइना अपने लड़ाकू विमानों को ताइवान के हवाई क्षेत्र में भेज कर जबरदस्त दबाव बना रहा है। ताइवान देश पहले से ही अपने आपको एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक द्वीप के रूप में देखता रहा है, हालाँकि चीन की राय में ताइवान उसका ही एक अंग है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहले ही घोषणा कर चुके है, कि चीन ताइवान पर कब्जा निश्चित रूप से करके रहेगा।