26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के नाम पर लाल किला परिसर पर जमकर बवाल काटने वाले तथाकथित प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर धार्मिक झंडा लगा दिया था। देश के गणतंत्र दिवस के मौके दिल्ली की सड़को पर आतंक का नंगा नाच नाचने के बाद उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में उस दिन की भयावह झलक एक बार दोबारा दिखाई दे रही है।
किसान का आतंकी भिंडरावाले से क्या लेना देना ? अगर भिंडरावाला से लेना है तो किसान कैसे ? pic.twitter.com/6sA64nzdxB
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) October 4, 2021
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी इलाके को तथाकथित विरोध प्रदर्शन के नाम पर रविवार से सुलगाया जा रहा है, जानकारी के अनुसार अब तक इस हिंसक घटना में आधिकारिक रूप से 8 लोगों की मौत की सूचना है, जिन लोगों की जान इस अराजकता में गयी है, उसमें किसान संगठन के चार 4 कार्यकर्ता, भाजपा के तीन कार्यकर्ता, एक बीजेपी की गाड़ी का वाहन चालक और एक स्थानीय पत्रकार बताया जा रहे है।
न्यूज मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के संबंध में जो तथ्य सामने आ रहे है, उनके अनुसार लखीमपुर खीरी में जो हिंसा का खूनी खेल खेला गया, वो पूर्व नियोजित था, और इस हिंसा को फैलाने वालो में खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले के समर्थकों का हाथ बताया जा रहा है।
यह किसान नहीं प्रायोजित अराजकतावादी है। pic.twitter.com/ez976OPn54
— TeamSP (@TeamSP_Official) October 4, 2021
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय निवासियों की माने तो लखीमपुर खीरी हिंसा से पूर्व पंजाब समेत बाहरी जिलों के लोगो की भीड़ को जमा किया गया था। जिन लोगों पर हमला करके निर्दोष लोगो को पीट पीट कर मार डालने के आरोप है, उन पर पहले से आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज होने की भी सूचना है। हिंसा के दौरान हिंसक भीड़ में ऐसे कई लोग थे, जिन्होंने खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले की फोटो छपी हुई टीशर्ट पहनी हुई थी।
खबरों के अनुसार, एक और चौंकाने तथ्य सामने आ रहा है, कि स्थानीय नागरिको की माने, तो वाहनों को आग के हवाले करने के लिए ज्वलनशील पदार्थ डीजल/पेट्रोल को पहले से ही स्टोर करके रखा गया था। स्थानीय निवासियों का कहना है, कि हिंसक प्रदर्शन करने वाले उनके गांव के निवासी नहीं थे, क्योंकि सवाल यह उठ रहा है, बनबीरपुर गांव की जनसंख्या मात्र पंद्रह सौ के आस पास ही है, लेकिन तब भी इतने अधिक संख्या में प्रदर्शनकारी उस स्थान में किस उद्देश्य से जमा हो गए ?
* राकेश टिकैत – अगला निशाना मीडिया।
* लखीमपुर खीरी में अब एक पत्रकार रमन कश्यप की मौत।
— Aman Chopra (@AmanChopra_) October 4, 2021
लखीमपुर खीरी हिंसा में न्यूज चैनल ABP के पत्रकार रमन कश्यप की भी मृत्यु हो गयी है। बताया जा रहा है, कि ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ द्वारा पत्रकार को निर्मम तरीके से पीट-पीट कर मार डाला गया। इस घटना को ‘भारतीय किसा यूनियन (BKU)’ के प्रवक्ता राकेश टिकैत के उस बयान से जोड़ा जा रहा है, जिसमें उन पर मीडिया के लोगो को धमकी देने के आरोप लगे थे। गौरतलब है, राकेश टिकैत ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित एक सभा के दौरान मीडिया को देख लेने की धमकी दी थी।
#लखीमपुर में रिपोर्टिंग कर रहे हमारे एक साथी रमन की मौत हो गई है.. भगवान उनकी आत्मा को शा्ंति दें
— पंकज झा (@pankajjha_) October 4, 2021
जानकारी के लिए बता दें, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी क्षेत्र में ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला कर दिया था। इस घटना में आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस घटना पर शोक प्रकट करते हुए, इसे प्रकरण को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मुख्यमंत्री योगी द्वारा कहा गया, कि प्रशासन मामले की जड़ में जाकर जाँच पड़ताल के बाद इस हिंसा में शामिल तत्वों को बेनकाब करेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जनपद लखीमपुर खीरी में घटित हुई घटना अत्यंत दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। @UPGovt इस घटना के कारणों की तह में जाएगी तथा घटना में शामिल तत्वों को बेनकाब करेगी व दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगी।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 3, 2021
जिला प्रशासन ने अपने बयान में कहा है, कि इलाके की स्थिति फिलहाल काबू में है। प्रदेश सरकार द्वारा नागरिको से अपील करते हुए कहा है, कि वे अगले निर्देश तक अपने घरो में रहें और किसी के कहने सुनने और बहकावे में ना आये। घटना के बाद शांति-व्यवस्था स्थापित करने के लिए नागरिको का योगदान मांगते हुए सलाह जारी की गयी है, कि बिना किसी जांच पड़ताल से पूर्व वे किसी निष्कर्ष पर ना पहुंचे।
(डिस्क्लेमर: यह लेख न्यूज मिडिया में छपी रिपोर्ट्स पर पर आधारित है। राष्ट्र ध्वनि इसकी पुष्टि नहीं करता है)