भारत और इजराइल के मध्य द्विपक्षीय सम्बन्धों को नई धार देने के लिए नवनिर्वाचित सरकार के गठन के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पहली बार इजराइल देश का दौरा करने जा रहे है। उल्लेखनीय है, कि भारत सरकार और इजराइली राष्ट्रपति नफ्ताली बेनेट के नेतृत्व वाली नई सरकार के बीच होने वाली यह पहली उच्च स्तरीय बैठक होगी।
न्यूज मिडिया के अनुसार रविवार को भरतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार से तीन दिवसीय आधिकारिक इजराइल दौरा कर रहे है। इजरायल में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत और इजराइल के साथ संबंधो को मजबूती देने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह दौरा अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
जानकारी के लिए बता दें, वर्ष 1948 इजराइल के अस्तित्व के शुरुवाती समय में उसके भारत के साथ अच्छे संबंध नहीं माने जाते थे। लेकिन तमाम विरोधाभास को दरकिनार कर चीन युद्ध के मुश्किल वक्त में इजराइल ने भारत को हथियारों की आपूर्ति कर सहायता की थी। नब्बे के दशक में भारत और इजराइल के बीच द्विपक्षीय संबंधो में जमी बर्फ पिघलने के बाद, वर्ष 2015 से भारत और इजराइल ने खुले मंच से एक-दूसरे को घनिष्ठ सहयोगी राष्ट्र घोषित कर दिया।
दरअसल भारत और इजराइल के मध्य संबंधों में मजबूती की शुरुवात सार्वजनिक तौर केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद 2015 से नजर आने लगी। गौरतलब है, कि संयुक्त राष्ट्र में इजराइल पर मानवाधिकार अधिकारों के हनन संबंधी वोटिंग के दौरान भारत ने अनुपस्थित दर्ज करवाई थी। वर्ष 2017 में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा इजराइल में पहला दौरा किया था।
2017 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इजराइल का तीन दिवसीय दौरा किया गया था। इसके बाद वर्ष 2018 में इजराइली राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने 6 दिनों का भारत का विस्तृत दौरा किया था। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के दौरे से पहले इजराइली विदेश सचिव एलोन उशपिज ने ट्वीट कर जयशंकर के आगमन की पुष्टि करते हुए लिखा, “सभी को शुभो बिजोया/दशहरा की शुभकामनाएं। भारत एक रणनीतिक पार्टनर और बेहद करीबी मित्र है।
Shubho Bijoya/Happy Dussehra to all of you, on the eve of @DrSJaishankar’s important visit to Israel. India is a strategic partner and a very close friend pic.twitter.com/9BQuEUons3
— Alon Ushpiz (@AlonUshpiz) October 15, 2021