प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगामी त्योहारों में देशवासियों से भारत में निर्मित (मेड इन इंडिया) वस्तुओं को ही खरीदने की अपील की है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रवासियों से अपील करते हुए कहा, कि आने वाले त्योहारों के मौसम में भारतीयों द्वारा निर्मित वस्तुओं को खरीदना होगा और वोकल फॉर लोकल को हमें सामाजिक व्यवहार में लाना होगा। प्रधानमंत्री द्वारा कहा गया, कि आने वाले त्योहारों के उत्सव पर मेड इन इंडिया की उम्मीदों को और अधिक शक्ति प्रदान करेगा।
जैसे स्वच्छ भारत अभियान, एक जनआंदोलन है, वैसे ही भारत में बनी चीज खरीदना, भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, Vocal for Local होना, ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, कि एक जामने में विदेशी वस्तुए अत्यधिक प्रचलन में थी, लेकिन वर्तमान समय में मेड इन इंडिया की शक्ति में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मेड इन इंडिया के तहत बनी चीजों को खरीदने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा, कि हमें प्रत्येक छोटी से छोटी वस्तु जो मेड इन इंडिया हो, और जिसके निर्माण में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर अधिक जोर देना चाहिए और यह सभी के संयुक्त प्रयास से ही संभव हो सकेगा।
मेक इन इंडिया दरअसल जिन वस्तुओं का निर्माण देश में ही किया गया हो। यदि सामान्य एवं विशेष अवसर पर जरुरत की अधिकतर वस्तुएं हमारे देश के नागरिको द्वारा निर्मित होंगी, तो स्पष्ट रूप से, भारत में बनी वस्तुओं के दाम कम होंगे, क्योंकि जब किसी वस्तु को विदेशो से आयात किया जाता है, तो उसमें लगाने वाले टैक्स की वजह से उस वस्तु की कीमत बढ़ जाती है।
इसके अलावा यदि वस्तुओं का निर्माण देश में ही होगा, तो इस स्थिति में विदेशो में भारतीय उत्पादों के निर्यात करने की संभावना भी प्रबल होगी, और देश की आय में भी वृद्धि होने के साथ-साथ देश के युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध होगा। उल्लेखनीय है, कि मोदी सरकार के नेतृत्व में मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत भारत सरकार का लगभग तीन हजार कंपनियों को इस अभियान से जोड़ने का लक्ष्य है। मेक इन इंडिया अभियान से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती तो मिलेगी ही साथ ही विदेशी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
मेक इन इंडिया’ अभियान के लिए मोदी सरकार ने प्रारंभिक स्तर पर तकरीबन पच्चीस क्षेत्र चिन्हित किये है, जिन्हें मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत प्रोत्साहन दिया जाएगा। आर्थिक क्षेत्रों के विशेषज्ञों के मुताबिक, इन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की संभावना सबसे अधिक जताई जा रही है। मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में 12%-14% प्रतिवर्ष वृद्धि करने साथ ही GDP में 2022 तक विनिर्माण की हिस्सेदारी 16%-25% का लक्ष्य हासिल करना है।